वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने शुक्रवार को कहा कि भारत और यूरोपीय संघ के बीच प्रस्तावित मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में कुछ मुद्दे लंबित हैं और दोनों पक्ष इसे जल्दी निष्कर्ष पर पहुंचाने के लिए इन्हें सुलझाने पर काम कर रहे हैं।
जून, 2022 में भारत और ईयू ने आठ साल से अधिक के अंतराल के बाद वार्ता बहाल की। बाजारों को खोलने के स्तर पर मतभेदों के कारण 2013 में यह वार्ता रुक गई थी।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और यूरोपीय आयोग के अध्यक्ष ने 28 फरवरी को इस वर्ष के अंत तक बहुप्रतीक्षित एफटीए पर सहमति जताई थी।
इटली के विदेश एवं अंतरराष्ट्रीय सहयोग मंत्री तजानी ने कहा, “हम समझौते पर शीघ्र हस्ताक्षर करने के इस महत्वपूर्ण लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए ब्रसेल्स (यूरोपीय संघ मुख्यालय) में जोर-शोर से काम कर रहे हैं।”
उन्होंने कहा कि दोनों पक्षों के कारोबार के लिए व्यापार और निवेश के बड़े अवसर मौजूद हैं।
तजानी ने कहा कि इतालवी कंपनियां अफ्रीका में भारतीय कंपनियों के साथ संयुक्त उद्यम के लिए तैयार हैं।
भारत-पश्चिम एशिया-यूरोप आर्थिक गलियारे (आईएमईसी) पर इटली के मंत्री ने कहा कि यह खाड़ी के माध्यम से भारत और इटली के बीच एक कड़ी है और इससे व्यापार को मजबूत करने में मदद मिलेगी।
इस बीच, गोयल ने द्विपक्षीय व्यापार और निवेश संबंधों को मजबूत करने पर चर्चा करने के लिए यहां तजानी से मुलाकात की।
भारत-इटली व्यापार 2023-2024 में लगभग 15 अरब डॉलर होने का अनुमान है, जबकि 2000 से इटली से भारत में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) लगभग चार अरब डॉलर है।