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यूएन में भारत ने पाकिस्तान को चेताया, "आतंकवाद का अंजाम भुगतना होगा"

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि दुनियाभर में आतंकवादी...
यूएन में भारत ने पाकिस्तान को चेताया,

भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि दुनियाभर में आतंकवादी घटनाओं में उसका ‘‘हाथ रहा’’ है और पड़ोसी देश को यह पता होना चाहिए कि भारत के खिलाफ सीमा पार आतंकवाद के ‘‘परिणाम अनिवार्य रूप से भुगतने पड़ेंगे।’’

मंगलानंदन ने अंतरराष्ट्रीय समुदाय को याद दिलाया कि यह वही देश है जिसने लंबे समय तक अल-कायदा नेता ओसामा बिन लादेन को पनाह दी थी। उन्होंने कहा कि दुनियाभर में कई आतंकवादी घटनाओं में पाकिस्तान का ‘‘हाथ’’ है।

भारतीय अधिकारी ने कहा, ‘‘शायद इसमें कोई आश्चर्य नहीं होना चाहिए कि उसके (पाकिस्तान के) प्रधानमंत्री इस प्रतिष्ठित सभागार में ऐसा बोलेंगे। फिर भी हमें यह स्पष्ट करना चाहिए कि उनके शब्द हम सभी के लिए कितने अस्वीकार्य हैं। हम जानते हैं कि पाकिस्तान सच्चाई का सामना और अधिक झूठ से करना चाहेगा। बार-बार झूठ बोलने से कुछ नहीं बदलेगा। हमारा रुख स्पष्ट है और उसे दोहराने की जरूरत नहीं है।’’

भारत ने जोर देकर कहा कि चुनावों में धांधली के इतिहास वाले देश के लिए एक लोकतंत्र में राजनीतिक विकल्पों के बारे में बात करना बड़ा अजीब है।

उन्होंने कहा, ‘‘असल सच्चाई यह है कि पाकिस्तान की नजर हमारे क्षेत्र पर है और वास्तव में, उसने भारत के अविभाज्य और अभिन्न अंग जम्मू-कश्मीर में चुनावों को बाधित करने के लिए लगातार आतंकवाद का इस्तेमाल किया है।’’

युवा भारतीय राजनयिक ने कहा कि यह हास्यास्पद है कि एक देश जिसने 1971 में नरसंहार किया था और जो अब भी अपने अल्पसंख्यकों पर लगातार अत्याचार करता है, वह “असहिष्णुता और भय के बारे में बोलने की हिमाकत करता है। दुनिया खुद देख सकती है कि पाकिस्तान की असलियत क्या है।”

इसके बाद एक पाकिस्तानी राजनयिक ने जवाब देने के अधिकार के तहत मंगलानंदन के बयान पर प्रतिक्रिया दी।

भारत के दावों को ‘‘निराधार और भ्रामक’’ बताते हुए पाकिस्तानी राजनयिक ने कहा कि संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद ने कई प्रस्तावों के माध्यम से जम्मू-कश्मीर के लोगों को आत्मनिर्णय के अपने अपरिहार्य अधिकार का प्रयोग करने में सक्षम बनाने के लिए एक स्वतंत्र, निष्पक्ष जनमत संग्रह का स्पष्ट रूप से आह्वान किया है।

पाकिस्तानी नेता हर साल संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषणों में जम्मू-कश्मीर का राग अलापते हैं और भारत के युवा राजनयिक उसे करारा जवाब देते हैं।

 

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