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मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार में सड़क हादसों ने ली 16 प्रवासी मजदूरों की जान, कई घायल

कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी लॉकडाउन ने खासकर प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। अब...
मध्य प्रदेश, यूपी और बिहार में सड़क हादसों ने ली 16 प्रवासी मजदूरों की जान, कई घायल

कोरोना महामारी के मद्देनजर जारी लॉकडाउन ने खासकर प्रवासी मजदूरों को सबसे ज्यादा प्रभावित किया है। अब भी मजदूर पैदल अपने मूल स्थानों की ओर लौट रहे हैं। इस दौरान कई दुर्घटनाएं भी सामने आ रही हैं। अब तीन अलग-अलग सड़क हादसों में कम से कम 16 मजदूरों की मौत हो गई है। उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में जहां पैदल बिहार जा रहे श्रमिकों को रोडवेज बस ने कुचल दिया, जिससे, 6 की मौत हो गई और 3 घायल हैं। वहीं बिहार के समस्तीपुर में प्रवासी मजदूरों को ले जा रही एक बस की ट्रक से टक्कर होने से दो लोगों की मौत हो गई। जबकि मध्य प्रदेश के गुना में ट्रक और बस की भिड़ंत से 8 प्रवासी श्रमिकों की जानें गईं।

पंजाब से बिहार जा रहे थे मजदूर

पुलिस के मुताबिक, पंजाब से पैदल बिहार जा रहे मजदूरों को कल रात मुजफ्फरनगर में एक तेज रफ्तार यूपी परिवहन निगम की बस ने कुचल दिया, जिससे 6 की मौत हो गई और 3 घायल हो गए। मृतक मजदूर बिहार के गोपालगंज ज़िले के रहने वाले हैं, वो पंजाब से पैदल ही वापस लौट रहे थे। 

मृतकों की पहचान हरीक सिंह (51), उनके बेटे विकास (22), गुड्डू (18), वासुदेव (22), हरीश (28) और विरेंद्र (28) के रूप में की गई है। शहर कोतवाली के प्रभारी निरीक्षक अनिल कपरवान ने कहा, "हमें रात 11 बजे के आसपास यह सूचना मिली कि एनएच-9 में पैदल चल रहे लोग किसी बस दुर्घटना के शिकार हो गए हैं। मौके पर पहुंचने पर, हमें स्थानीय लोगों ने बताया कि वे प्रवासी मजदूर थे।" उन्होंने बताया कि बुधवार देर रात को मुजफ्फरगनर-सहारनपुर स्टेट हाईवे-59 पर रोहाना टोल प्लाजा के पास रोडवेज की बस ने सहारनपुर लौट रहे श्रमिकों के काफिले को कुचल दिया, जिसमें 4 लोगों की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि दो लोगों ने अस्पताल में दम तोड़ दिया है। वारदात को अंजाम देने वाला ड्राइवर बस को मौके पर छोड़कर भाग खड़ा हुआ था, जिसे आज सुबह गिरफ्तार कर लिया गया है। मरने वाले सभी 6 पुरुष हैं और सभी बिहार के रहने वाले थे. चार लोग गोपालगंज, एक पटना और एक भोजपुर के रहने वाला था।"

सीएम योगी आदित्यनाथ ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 2-2 लाख रुपए और प्रत्येक घायल को 50-50 हज़ार रुपए का मुआवजा देने की घोषणा की। श्रमिकों के शवों को बिहार भेजने के लिए अधिकारियों को निर्देशित किया गया है। सहारनपुर मंडलायुक्त को जांच के बाद रिपोर्ट सौंपने को कहा गया है।

समस्तीपुर में 2 की मौत

बिहार में भी सड़क हादसे से मजदूरों की मौत का मामला सामने आया है। यहां समस्तीपुर में शंकर चौक के पास आज एक बस और एक ट्रक की टक्कर होने से करीब 2 लोगों की मौत हुई और 12 लोग घायल हो गए। घायलों को अस्पताल ले जाया गया है। बस मुजफ्फरपुर से 32 प्रवासी मजदूरों को लेकर कटिहार जा रही थी।

गुना में 8 प्रवासी मजदूरों की मौत, 50 घायल

मध्य प्रदेश के गुना में गुरुवार तड़के 3 बजे के आसपास एक ट्रक से टकरा जाने के कारण कम से कम 8 प्रवासी मजदूरों की मौत हो गई और लगभग 50 को चोटें आईं। घायल व्यक्तियों का जिला अस्पताल में इलाज चल रहा है। घटना गुना के कैंट पीएस इलाके की है। जो लोग घटना में मारे गए, वे महाराष्ट्र से उत्तर प्रदेश में अपने मूल स्थानों पर जा रहे थे।

जारी है मजदूरों का पैदल सफर

मजदूरों को उनके घर पहुंचाने के लिए भले ही श्रमिक स्पेशल ट्रेनें चलाई जा रही हैं। लेकिन सच्चाई यह है कि अभी भी मजदूरों का पैदल सफर जारी है। पिछले दिनों जहां औरंगाबाद में रेलवे ट्रैक पर सोए 16 श्रमिकों की मालगाड़ी की चपेट में आने से मौत हो गई थी। इस घटना के बाद सरकार ने मजदूरों से पैदल मूल स्थान नहीं लौटने की अपील की थी। वहीं लॉकडाउन के दौरान जहां-तहां फंसे प्रवासी श्रमिक कोई चारा न दिखने के बाद अपने घरों तक पहुंचने के लिए पैदल ही दूरी तय कर रहे हैं। इस दौरान जहां सड़क हादसों का खतरा बना हुआ हैं, वहीं और भी कई परेशानियां सामने आ रही हैं। पिछले दिनों अपने घर के लिए पैदल निकली एक गर्भवती महिला ने सड़क के किनारे बच्चे को जन्म दिया और बच्चे के पैदा होने के एक घंटे बाद ही वो 150 किलोमीटर का सफर तय कर अपने घर पहुंची। वहीं, दूसरा दर्दनाक मामला हैदराबाद का है, जहां से ओडिशा के लिए पैदल निकले एक प्रवासी मजदूर की रास्ते में ही मौत हो गई। आशंका जताई जा रही है कि मजदूर की मौत लू लगने से हुई है।

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