संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रपति ने सरकार की विभिन्न सामाजिक सुरक्षा योजनाओं, साथ ही सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की स्थिति में सुधार लाने के लिए उठाए गए कदमों का उल्लेख किया। उन्होंने यह भी कहा कि विदेशों में रखे कालेधन की समस्या पर अंकुश लगाने के लिए सरकार ने जो कदम उठाए उनके परिणाम दिखने लगे हैं।
राष्ट्रपति ने कहा कि सरकार ने खाद्य सुरक्षा, सभी के लिए आवास और सब्सिडी पर काफी ध्यान दिया है ताकि जिन्हें इनकी सबसे ज्यादा आवश्यकता है, इनका लाभ उन तक पहुंचाया जा सके। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जनधन योजना केवल बैंक खाते खोलने तक ही सीमित नहीं रही बल्कि यह मूलभूत वित्तीय सेवाओं और गरीबों को सुरक्षा उपलब्ध कराते हुए गरीब उन्मूलन का महत्वपूर्ण साधन बन गई है।
राष्ट्रपति ने कहा, ‘आज मैं यह गर्व के साथ कह सकता हूं कि यह दुनिया का सफलतम वित्तीय समावेशी कार्यक्रम है। इस कार्यक्रम के अंतर्गत खोले गए 21 करोड़ से भी अधिक खातों में से 15 करोड़ खाते चालू हालत में हैं, जिनमें कुल मिलाकर 32 हजार करोड़ रुपये जमा हैं।’ कालेधन के बारे में राष्टपति ने कहा कि सरकार ने विदेशी आय और संपत्तियों की जानकारी नहीं देने वालों से निपटने के लिए एक कानून बनाया है जिसमें समस्या से निपटने के लिये कड़े प्रावधान किए गए हैं।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री मुद्रा योजना के तहत अब तक 2.6 करोड़ उद्यमियों को एक लाख करोड़ रुपये से अधिक धन वितरित किया गया है। इनमें 2.07 करोड़ महिला उद्यमी हैं।