आरएसएस की तीन दिवसीय व्याख्यान माला आज से शुरु हो रही है। भारत का भविष्य नाम की इस श्रृंखला में देश-विदेश के लगभग 500 लोगों को न्यौता दिया है जो तीन दिन में अलग-अलग विषयों पर अपने विचार साझा करेंगे।
नई दिल्ली के विज्ञान भवन में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में संघ प्रमुख मोहन भागवत न सिर्फ संबोधित करेंगे बल्कि तीसरे और अंतिम दिन कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे लोगों के सवालों का जवाब भी देंगे।
— RSS (@RSSorg) September 15, 2018
कांग्रेस के राहुल को नहीं मिला निमंत्रण
पहले इस कार्यक्रम में आरएसएस द्वारा राहुल गांधी को न्यौता देने की भी खबरें आ रही थीं लेकिन अभी की जानकारी के अनुसार राहुल गांधी को निमंत्रण नहीं भेजा गया है। वहीं कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि "आरएसएस और भाजपा आमंत्रण भेजने को लेकर फर्जी खबर फैला रहे हैं जैसे मानो यह किसी सम्मान का कोई मेडल हो। इस तरह का कोई आमंत्रण कांग्रेस पार्टी को नहीं मिला है और यह कोई सम्मान का पदक नहीं है।"
किस-किस को दिया गया है निमंत्रण?
आरएसएस ने अखिलेश यादव, मायावती, ममता बनर्जी, दिग्विजय सिंह सहित एआईडीएमके, डीएमके, बीजेडी और टीडीपी समेत देश की 40 राजनीतिक दलों के मुखिया को निमंत्रित किया गया है। खबरें है कि इस कार्यक्रम में शामिल होने के लिए कई मुस्लिम धर्मगुरुओं को भी निमंत्रित किया गया है। अखिलेश ने इस निमंत्रण को ठुकरा दिया है, वहीं सीताराम येचुरी ने कहा कि उन्हें कोई निमंत्रण नहीं आया है।
राहुल गांधी ने क्या कहा था?
राहुल गांधी ने हाल ही में आरएसएस की तुलना इस्लामिक संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से की थी। जून में ही आरएसएस के कार्यक्रम में पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी शामिल हुए थे। उनके यहां आने को लेकर काफी चर्चा हुई थी। आरएसएस के प्रचार प्रमुख अरुण कुमार ने आरएसएस की तुलना इस्लामिक संगठन मुस्लिम ब्रदरहुड से करने के लिए कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पर पलटवार करते हुए कहा कि कांग्रेस प्रमुख भारत को नहीं जानते इसलिए वह इस संगठन को समझ नहीं सकते।