साल 2014 में भारत घूमने आई 52 वर्षीय डेनमार्क की महिला से दिल्ली में सामूहिक बलात्कार के पांचों दोषियों को अब अपनी बाकी बची जिंदगी जेल में काटनी होगी। अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश रमेश कुमार 2 ने कहा कि पीडि़ता के साथ लगातार पांच घंटे तक एेसा अमानवीय काम किया गया और आरोपियों ने उस वक्त भी कोई दया नहीं दिखाई जब पीड़िता ने कहा कि उससे बलात्कार न करें क्योंकि उसे एड़स है। न्यायाधीश ने महेंदर उर्फ गंजा (25), मोहम्मद रजा (25), राजू (23), अर्जुन (21) और राजू चक्का (30) को सजा सुनाई। अदालत ने 20 साल कैद की न्यूनतम सजा दिए जाने के अनुरोध को खारिज करते हुए कहा, दोषियों को इस महिला का सम्मान करना था खासतौर पर इसलिए कि वह एक पर्यटक थी और उनकी हरकत से देश की छवि पर धब्बा लगा, वे लोग किसी तरह की नरमी के हकदार नहीं हैं। अदालत ने पांचों को भारतीय दंड संहिता की धारा 376 डी (सामूहिक बलात्कार), 395 (डकैती), 366 (अपहरण), 342 (अवैध रूप से बंधक बनाना), 506 (आपराधिक भयादोहन) और 34 (साझा इरादा) के तहत दोषी ठहराया। सामूहिक बलात्कार के अपराध में सजा के अलावा अदालत ने इन दोषियों को अन्य आरोपों में दोषी करार देते हुए अलग-अलग अवधि की कैद की सजा सुनाई।
पीडि़ता की गवाही से नौ दोषियों में तीन की पहचान हुई थी। इसके अलावा अदालत ने वैज्ञानिक साक्ष्य पर भरोसा किया जिनमें डीएनए और एफएसएल रिपोर्ट तथा एक माली का बयान शामिल है। इसके आधार पर सभी दोषियों की पहचान का ठोस साक्ष्य प्राप्त हुआ। मीडिया के दबाव में आकर मामला गढ़े जाने के बचाव पक्ष के आरोप को खारिज करते हुए अदालत ने कहा कि इन सभी लोगों को मामले से जोड़ने वाला सबसे अहम साक्ष्य डीएनए रिपोर्ट है। साथ ही डेनमार्क के कोेपेनहेगन में तैयार की गई डीएनए रिपोर्ट में किसी तरह की छेड़छाड़ किए जाने की कोई संभावना नहीं है। अदालत ने कहा कि जिस तरह से इस अपराध को अंजाम दिया गया वह निश्चित रूप से अमानवीय था और पीडि़ता विदेशी थी तथा वह इस विश्वास के साथ भारत आई थी कि वह सुरक्षित होगी लेकिन जब वह अपने होटल लौट रही थी तो रास्ता भटक गई। जब पीडि़ता ने रास्ता बताने के लिए इन लोगों से कहा तब उसकी मदद करने के बजाय इन लोगों ने उसे गुमराह किया, उसे अगवा किया और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया।
अदालत ने राजू और राजू चक्का पर 83,000 रूपये तथा महेन्दर और मोहम्मद रजा पर 93,000 रूपये जबकि अर्जुन पर 1,03,000 रूपये का जुर्माना भी लगाया। पुलिस के मुताबिक नौ लोगों ने 14 जनवरी 2014 की रात डेनिश पर्यटक को रेलवे स्टेशन के पास डिवीजनल रेलवे ऑफिसर क्लब के पास एक सुनसान स्थान पर ले जा कर उससे लूटपाट की और उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। छठे आरोपी श्याम लाल (56) की इस साल फरवरी में मौत हो गई थी जिस वजह से उसके खिलाफ कार्यवाही रोक दी गई। मामले के तीन अन्य आरोपी किशोर हैं और उनके खिलाफ किशोर न्याय बोर्ड में जांच प्रगति पर है। विशेष सरकारी वकील अतुल श्रीवास्तव ने दोषियों के लिए अधिकतम सजा की मांग की थी जो स्वाभाविक जीवन काल तक हो। उन्होंने इसके पीछे यह दलील दी थी कि अपराध बर्बर और अमानवीय तरीके से किया गया। गौरतलब है कि पीडि़ता 1 जनवरी 2014 को दिल्ली आई थी और आगरा जाने से पहले कुछ दिन ठहरी थी। कई स्थानों की यात्रा करने के बाद वह 13 जनवरी 2014 को दिल्ली लौटी और रेलवे स्टेशन के पास पहाड़गंज के होटल में ठहरी थी। अगले दिन जब वह अपने होटल लौट रही थी तब वह रास्ता भटक गई और एक आरोपी से रास्ता बताने को कहा तभी उसके साथ यह घटना हुई।