नई दिल्ली। शनिवार को आए शक्तिशाली भूकंप के बाद नेपाल और उसकी सीमा से सटे बिहार व पश्चिमी बंगाल में झटकों का सिलसिला जारी है। सोमवार शाम को भी नेपाल-बंगाल सीमा पर 5.1 तीव्रता का भूकंप आया। जिसके झटके बिहार के मधेपुरा, पटना और सीतामढ़ी और पश्चिमी बंगाल के मालदा, सिलिगुड़ी और जलपाईगुड़ी में भी महसूस किए गए हैं। तीन दिन में भूकंप के 60 से ज्यादा झटकों ने नेपाल को बुरी तरह तबाह कर दिया है। नेपाल में मौत का आंकड़ा 4 हजार तक पहुंच गया है। इधर, भारत में भी भूकंप से 72 लोगों की जान जा चुकी है। सोमवार को आए ताजा झटकों ने बिहार और बंगाल में लोगों की दहशत बढ़ा दी है।
5 हजार से ज्यादा भारतीय नेपाल से निकले
भारतीय वायुसेना और एनडीआरएफ के प्रयासों से अब तक 5 हजार से ज्यादा भारतीय सुरक्षित देश लौट चुके हैं। विदेश सचिव एस. जयशंकर ने बताया कि अब तक 5400 भारतीयों को नेपाल से बचाया जा चुका है। कई अन्य देशों की ओर से भ्ज्ञी नागरिकों को नेपाल से बाहर निकालने का आग्रह किया जा रहा है। अब तक 30 विदेशी नागरिकों को भी नेपाल से निकाला जा चुका है। भूकंप से जुड़ी जानकारी के लिए राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन प्राधिकरण ने एक राष्ट्रीय हेल्पलाइन नंबर 1078 की शुरू कर दिया है। देश में कहीं से भी इस नंबर से पहले 011 लगाकर डायल किया जा सकता है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप के मुताबिक, नेपाल में राहत व बचाव के काम में तेजी लाने के लिए भारत ने नए सड़क मार्ग खाेलने का फैसला किया है।
भूकंप से भारत में 72 लोगों की मौत
नेपाल में आई त्रासदी के बीच भारत में भी भूकंप से मरने वाले लोगों की संख्या बढ़ती जा रही है। गृह सचिव एलसी गोयल ने बताया कि भूकंंप से अब तक भारत में 72 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हो चुकी है। एनडीआरएफ की टीम ने बिहार के दरभंगा में 180 लोगों को बचाने में कामयाबी हासिल की है। इसके अलावा नेपाल से 337 लोगों को हेलीकॉप्टर की मदद से सुरक्षित निकाला गया है।