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महिला ने किया जयललिता की बेटी होने का दावा, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं स्वीकार की याचिका

खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी बताने को लेकर दायर की गई याचिका को सोमवार को सुप्रीम...
महिला ने किया जयललिता की बेटी होने का दावा, सुप्रीम कोर्ट ने नहीं स्वीकार की याचिका

खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी बताने को लेकर दायर की गई याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करने सा मना कर दिया है। 


बेंगलुरु की एक 37 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि वह तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता की बेटी है। इसे साबित करने के लिए उन्होंने डीएनए परीक्षण की मांग की थी।

हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, 22 नवंबर को दायर की गई अपनी याचिका में  अमृता ने दावा किया कि  पिछले साल 5 दिसंबर को जयललिता की मौत के बाद उनके जन्म के बारे में उन्हें "सच्चाई" के बारे में पता चला था।

अमृता का दावा है कि वह 14 अगस्त 1980 को मायलापुर में जयललिता के निवास पर पैदा हुई थी, “लेकिन सामाजिक कलंक से बचने के लिए इसे गुप्त रखा गया था। परिवार की गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया क्योंकि वह एक बहुत ही धार्मिक, परम्परावादी और सभ्य ब्राह्मण परिवार की थीं।"

याचिका में दावा किया गया कि वह जयललिता की बड़ी बहन शैलजा द्वारा अपनाई गई थी, जिनकी 2015 में मृत्यु हो गई। शैलजा के पति सारथी की इस साल मार्च में मृत्यु हो गई। उन्होंने यह स्वीकार किया था कि वह जयललिता के साथ रिश्ते में रहे।

बता दे कि लंबी बीमारी के बाद जयललिता का चेन्नई में निधन हो गया था। 68 वर्षीय जयललिता ने कभी शादी नहीं की थी।

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