खुद को तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री की बेटी बताने को लेकर दायर की गई याचिका को सोमवार को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकार करने सा मना कर दिया है।
Supreme Court refuses to entertain the petition filed by woman named Amrutha claiming to be the daughter of former Tamil Nadu chief minister Jayalalithaa
— ANI (@ANI) 27 November 2017
बेंगलुरु की एक 37 वर्षीय महिला ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर की थी कि वह तमिलनाडु की तत्कालीन मुख्यमंत्री जे जयललिता की बेटी है। इसे साबित करने के लिए उन्होंने डीएनए परीक्षण की मांग की थी।
हिंदुस्तान टाइम्स के मुताबिक, 22 नवंबर को दायर की गई अपनी याचिका में अमृता ने दावा किया कि पिछले साल 5 दिसंबर को जयललिता की मौत के बाद उनके जन्म के बारे में उन्हें "सच्चाई" के बारे में पता चला था।
अमृता का दावा है कि वह 14 अगस्त 1980 को मायलापुर में जयललिता के निवास पर पैदा हुई थी, “लेकिन सामाजिक कलंक से बचने के लिए इसे गुप्त रखा गया था। परिवार की गरिमा को बनाए रखने के लिए ऐसा किया गया क्योंकि वह एक बहुत ही धार्मिक, परम्परावादी और सभ्य ब्राह्मण परिवार की थीं।"
याचिका में दावा किया गया कि वह जयललिता की बड़ी बहन शैलजा द्वारा अपनाई गई थी, जिनकी 2015 में मृत्यु हो गई। शैलजा के पति सारथी की इस साल मार्च में मृत्यु हो गई। उन्होंने यह स्वीकार किया था कि वह जयललिता के साथ रिश्ते में रहे।
बता दे कि लंबी बीमारी के बाद जयललिता का चेन्नई में निधन हो गया था। 68 वर्षीय जयललिता ने कभी शादी नहीं की थी।