सुप्रीम कोर्ट ने आज आधार कार्ड के इस्तेमाल के दायरे को बढ़ाते हुए कहा कि स्वेच्छा से इसका इस्तेमाल मनरेगा, सभी प्रकार की पेंशन योजनाओं, प्रधानमंत्री की जनधन योजना और इपीएफ के लिए किया जा सकता है। इस तरह से आधार कार्ड के इस्तेमाल के खिलाफ देश की सर्वोच्च अदालत का दरवाजा खटखटाने वाले समूहों को आज धक्का लगा।
धीरे-धीरे आधार के इस्तेमाल का दायरा बढ़ता जा रहा है। हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आधार कार्ड पूरी तरह से स्वैच्छिक है और इसे किसी भी योजना के लिए बाध्यकारी नहीं बनाया जा सकता है। गौरतलब है कि अदालत ने अपने पिछले फैसले में आधार के इस्तेमाल को केवल सार्वजनिक वितरण प्रणाली और एलपीजी गैस के लिए इस्तेमाल करने की बात कही थी। सुनवाई के दौरान पहली बार सरकारी पक्ष ने यह तथ्य सामने रखा कि आधार स्वैच्छिक है और आधार कार्ड बनवाने के बाद भी कोई व्यक्ति इसे बंद करा सकता है। आधार का विरोध करने वालों का मानना है कि आधार पर देश की संसद ने कोई कानून नहीं बनाया है, लिहाजा इस पर इतना बड़ा दांव लगाना ठीक नहीं है। दूसरा इससे देश के नागरिकों की निजता खतरे में पड़ती है। निजता का अधिकार बुनियादी अधइकार है या नहीं, इस पर सुप्रीम कोर्ट अलग से विचार कर रही है।