आम आदमी पार्टी के (संगरूर) पंजाब से सांसद भगवंत मान ने केंद्र सरकार पर सवाल दागा कि आखिर किसान कानून रद होने से नुकसान किसका है। जिन किसानों के फायदे की बात की जा रही है कि वे सभी तो इन कानूनों को रद करने की मांग को लेकर सड़कों पर हैं।
उत्तराखंड के कुमाऊं में किसान न्याय यात्रा में शामिल होने आए सांसद ने काशीपुर मंडी परिसर में आयोजित सभा के बाद पत्रकारों से वार्ता में सांसद मान ने कहा कि सवाल यह है कि जिन कानूनों को किसान हित में बताया जा रहा है, उन्हीं कानूनों को निरस्त कराने के लिए किसान सड़कों पर हैं। ऐसे में केंद्र सरकार को यह बताना चाहिए कि किसान कानूनों को निरस्त करने के किन लोगों का नुकसान हो रहा है।
सांसद ने कहा कि केंद्र सरकार कानूनों में संसोधन की बात कर रही है। इससे साफ हो गया है कि इन कानूनों में खामियां हैं। इस बात को देश का किसान समझ गया है। पीएम मोदी एक तरफ कथित किसानों से बात करने के लिए गुजरात जा रहे हैं तो घर के बाहर (दिल्ली सीमा) पर बैठे हजारों किसानों से बात करने को तैयार ही नहीं है। पीएम मोदी मन की बात में तमाम बातें करते हैं। लेकिन किसान की बात करना ही नहीं चाहते हैं।
उत्तराखंड के किसानों की बात करते हुए सांसद ने कहा कि आप की सरकार बनते ही गन्ना किसानों का पूरा बकाया ब्याज के साथ वापस करवाया जाएगा। यहां की जरूरत के लिहाज से नई चीनी मिलों की स्थापना भी की जाए। आम आदमी पार्टी अपने चुनावी घोषणा पत्र में इस मुद्दे को भी शामिल करेगी। दिल्ली इस बात की गवाह है कि आप ने सभी चुनावी वायदे पूरे करती है। यही वजह रही कि दिल्ली में पूरी केंद्र सरकार और पूरी भाजपा के जुटने के बाद भी भाजपा सात सीटों पर सिमट गई। अब यह तय हो गया है कि देश की जनता काम पर वोट करती है, जुमलों पर नहीं।
इससे पहले उत्तराखंड की सीमा पर सांसद मान का भव्य स्वागत किया गया। इसके बाद आप नेता अजय अग्रवाल की ओर से जसपुर में भी एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। किसान न्याय रैली के संयोजक और आप नेता दीपक बाली ने बताया कि इस रैली का समापन बुधवार को खटीमा में होगा।