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कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के तीसरे फेज के ट्रायल पर ग्रहण!, AIIMS को नहीं मिल रहे वॉलंटियर्स

कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे ट्रायल को लेकर अभी भी कई मुश्किलें खड़ी हैं। भारत बायोटेक के...
कोरोना वैक्सीन 'कोवैक्सीन' के तीसरे फेज के ट्रायल पर ग्रहण!, AIIMS को नहीं मिल रहे वॉलंटियर्स

कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रहे ट्रायल को लेकर अभी भी कई मुश्किलें खड़ी हैं। भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके के तीसरे चरण के ट्रायल के लिए दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) को वॉलंटियर्स नहीं मिल रहे हैं। वहीं, अधिकारियों का कहना है कि लोग ये सोच कर नहीं आ रहे हैं कि जब सबके लिए टीका जल्दी ही उपलब्ध हो जाएगा तो इसमें भाग लेने की क्या जरूरत है।

भारत बायोटेक ‘कोवैक्सिन’ नाम से कोरोना के  टीके का निर्माण कर रही है और इस वक्त इसके अंतिम चरण का ट्रायल चल रहा है। ट्रायल के लिए संस्थान को लगभग 1,500 वॉलंटियर्स चाहिए। कोवैक्सिन का निर्माण भारत बायोटेक और इंडियन। काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) द्वारा संयुक्त रूप से किया जा रहा है।

एम्स में सामुदायिक चिकित्सा विभाग में प्रोफेसर और इसके प्रधान निरीक्षक डॉ संजय राय ने कहा है कि हमें करीब 1500 से 2000 लोग चाहिए थे लेकिन अभी तक केवल 200 लोग आए हैं। लोग इस प्रक्रिया में यह सोचकर भाग नहीं ले रहे हैं कि जब टीका सबको मिलने वाला है तो ट्रायल में भाग लेने की क्या जरूरत है।

डॉ. राय ने कहा है कि क्लिनिकल ट्रायल की प्रक्रिया के बारे में जानने के बाद लोग भाग लेने से यह कहकर मना कर देते हैं कि जब टीका जल्दी ही मिलने वाला है तो इसमें भाग क्यों लिया जाए। उन्होंने कहा कि जब पहले चरण का ट्रायल शुरू होने वाला था तब उन्हें 100 वॉलेंटियर्स की जरूरत थी लेकिन 4,500 आवेदन मिले थे। दूसरे चरण के ट्रायल के समय भी अस्पताल को चार हजार आवेदन मिले थे।

  

 

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