शीर्ष अदालत में न्यायमूर्ति आर.के. अग्रवाल और न्यायमूर्ति ए.एम. सप्रे की पीठ ने इस बारे में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) की याचिका पर सुनवाई करने का निर्णय उस समय किया जब सॉलिसिटर जनरल रंजीत कुमार ने पीठ के समक्ष इस विषय को रखा। कुमार ने न्यायालय को बताया कि उच्चतम न्यायालय द्वारा निर्धारित चार सप्ताह के समय में फिर से परीक्षा आयोजित कराना असंभव है। उन्होंने कहा कि एक साथ सात परीक्षाएं आयोजित कराने के कारण बोर्ड पर पहले से ही काम का बहुत अधिक बोझ है। उसे फिर से परीक्षा आयोजित कराने के लिए कम से कम तीन महीने के समय की आवश्यकता है।
उच्चतम न्यायालय ने 15 जुलाई को एआईपीएमटी-2015 को रद्द कर दिया था और चार सप्ताह के भीतर फिर से परीक्षा आयोजित कराने का आदेश दिया था। शीर्ष अदालत ने परीक्षा में बड़े पैमाने पर कदाचार और कई स्थानों पर छात्रों को परीक्षा हॉल में सवालों के जवाब मुहैया कराए जाने को ध्यान में रखते हुए यह निर्देश दिया था।