केंद्र सरकार ने एक मई से कोविड-19 टीकाकरण के तीसरे चरण के रणनीति की घोषणा की। 18 वर्ष से अधिक आयु के सभी लोग टीका लगवा सकते हैं। अब तक दूसरे चरण में 45 साल से ऊपर के लोगों का टीकाकरण किया जा रहा था। देश में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा हो रहा है। अब हर दिन करीब पौने तीन लाख मामले दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं, मरने वालों की संख्या में भी इजाफा हो रहा है। इस बीच केंद्र द्वारा किया गया ऐलान चुनौती भरा है। क्योंकि, कई राज्यों में वैक्सीन डोज की कमी है। देश में सीमित अनुपात में वैक्सीन का निर्माण हो रहा है, जबकि खपत अधिक है।
वहीं, कोरोना की वजह से बदतर होते हालात और दवाओं की किल्लत को देखते हुए पीएम मोदी ने देशभर के शीर्ष फार्मा कंपनियों और डॉक्टरों के साथ बैठक की है।
केंद्र द्वारा उम्र की सीमा को लेकर बीते कई दिनों से सवाल उठाए जा रहे थे। कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी इस बाबत केंद्र सरकार से बीते दिनों कहा था कि वैक्सीनेशन किए जाने की उम्र सीमा 25 साल की जानी चाहिए। वहीं, दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने भी कहा था कि कोरोना महामारी की दूसरी लहर में सबसे अधिक युवा वर्ग संक्रमित हो रहे हैं। इसलिए केंद्र को उम्र की पाबंदी हटानी चाहिए।
कांग्रेस नेता और पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह ने भी रविवार को पत्र के जरिए पीएम मोदी और केंद्र सरकार को सुझाव देते हुए कहा था कि यदि कोरोना से लड़ना है तो हमें वैक्सीनेशन में तेजी लानी होगी। कितने लोगों का टीकाकरण किया जा रहा है। इसे गिनने के बदले आबादी के कितने हिस्से का टीकाकरण हो रहा है। इस पर ध्यान देने की जरूरत है। डॉ. सिंह सोमवार को कोरोना पॉजिटिव पाए गए हैं। उन्हें दिल्ली के एम्स ट्रामा सेंटर में भर्ती कराया गया है।