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"Covid-19 की दूसरी लहर के बीच जब रैलियां हो रही थी तो आप क्या दूसरे ग्रह पर थे", मद्रास हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच हो रहे चुनाव को लेकर कई महीनों से सवाल उठ रहे थे। फिर भी चुनाव आयोग...

कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच हो रहे चुनाव को लेकर कई महीनों से सवाल उठ रहे थे। फिर भी चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयारी की बात करते हुए चुनाव कराने पर अड़ी रही और पांच राज्यों में इस विपदा के समय ताबड़-तोड़ रैलियां और चुनाव हुए। पश्चिम बंगाल में तो आठ चरणों में मतदान कराने का फैसला आयोग ने किया। आज सातवें दौर का मतदान जारी है।

मद्रास हाईकोर्ट ने सोमवार को देश में बढ़ते संक्रमण और दूसरी लहर की भयावह स्थिति के लिए चुनाव आयोग को जिम्मेदार ठहराया है। कोर्ट ने यहां तक कहा है कि क्यों ना अधिकारियों पर हत्या का मुकदमा दर्ज किया जाए। सख्त टिप्पणी करते हुए हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग से पूछा कि जब देश में नेताओं की रैलियां हो रही थी तो आप क्या दूसरे ग्रह पर थे।

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मद्रास उच्च न्यायालय ने चुनाव आयोग की कड़ी निंदा करते हुए आयोग को देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के कथित प्रसार के लिए "सबसे गैर जिम्मेदाराना संस्थान" कहा। अपनी टिप्पणी में अदालत ने कहा कि चुनाव आयोग के अधिकारियों पर भी हत्या के आरोपों के तहत मामला दर्ज किया जाना चाहिए।"

लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक चीफ जस्टिस संजीब बनर्जी ने चुनाव आयोग के वकील से कहा, "आपकी संस्था व्यक्तिगत रूप से कोरोना की दूसरी लहर के लिए जिम्मेदार है।" आगे चीफ जस्टिस ने यहां तक कहा कि "आपके अधिकारियों पर हत्या के आरोपों में मुकदमा दर्ज किया जाना चाहिए।" हाईकोर्ट ने इस बात का अवलोकन किया है कि आयोग कोर्ट के आदेशों के बावजूद फेसमास्क पहनने, सेनिटाइजर का उपयोग करने और चुनाव प्रचार के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग बनाए रखने के संबंध में कोविड मानदंडों को लागू करने में विफल रहा है।

 

 

 

 

 

 

 

 

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