पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी को भाजपा मुख्यालय पर श्रद्धांजलि दी जाएगी। उनके 18 अस्थि कलश सोमवार तक लखनऊ एयरपोर्ट पहुंचेंगे। वहां से श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए उन अस्थि कलशों को भाजपा कार्यालय लाया जाएगा। 21 अगस्त को सुबह 10 बजे प्रदेश के 18 स्थानों पर नदियों में विसर्जन के लिए कलश यात्रा प्रदेश कार्यालय से रवाना की जाएगी। यात्रा में प्रदेश सरकार के एक मंत्री और पार्टी के प्रदेश पदाधिकारी साथ जाएंगे। रास्ते में पड़ने वाले जिलों में जनता श्रद्धासुमन अर्पित करेगी। साथ ही नदी के किनारे घाट पर लोग और धर्म गुरु श्रद्धा पुष्प अर्पित करते हुए अस्थि कलश को प्रवाहित करेंगे।
भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. महेन्द्र नाथ पाण्डेय ने कहा कि 23 अगस्त को तीन बजे सर्व धर्म, सर्वदलीय श्रद्धांजलि प्रार्थना सभा झूलेलाल पार्क, नदवा कालेज के सामने गोमती नदी के किनारे आयोजित की गई है। इसमें सभी धर्मों के गुरु, सभी राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को आमंत्रित किया जाएगा। श्रद्धांजलि सभा में स्वर्गीय अटल बिहारी वाजपेयी जी का परिवार, गृहमंत्री राजनाथ सिंह, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और अन्य लोग श्रद्धांजलि अर्पित करेंगे। शाम को अस्थि कलश गोमती नदी में प्रवाहित किया जाएगा। प्रदेश के सभी जिलों में 25 अगस्त को और सभी मण्डल ईकाईयों में 27 और 28 अगस्त को श्रद्धांजलि सभाएं होंगीं।
पूर्व पीएम की स्मृतियों को संजोएगी यूपी सरकार
उत्तर प्रदेश सरकार पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की स्मृतियों को संजोएगी। इसके लिए पूर्व पीएम के जन्म स्थल आगरा के बटेश्वर में स्मारक बनाया जाएगा। साथ ही कानपुर के डीएवी कॉलेज में सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाए जाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा अटल के नाम पर लखनऊ में एक नया चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने जा रही है। अटल के पहले संसदीय क्षेत्र रहे बलरामपुर में भी किंग जॉर्ज चिकित्सा विश्वविद्यालय का एक सेटेलाइट सेंटर उनके नाम पर स्थापित करने की भी तैयारी है।
पूर्व पीएम अटल बिहारी बाजपेयी की कर्मभूमि लखनऊ रही है। साथ ही उनका प्रदेश के अन्य जिलों से भी गहरा संपर्क रहा है। इसे देखते हुए यूपी सरकार ने उनकी स्मृतियों को संजोने के उद्देश्य से भव्य स्मारकों के निर्माण और तमाम विकास परियोजनाओं के नाम भी उनके नाम पर करने की तैयारी कर रही है। इस बाबत कई विभागों ने शासन को प्रस्ताव भी सौंपे हैं। चिकित्सा शिक्षा विभाग ने अटल के नाम पर ऐसा चिकित्सा विश्वविद्यालय बनाने की योजना बनाई है, जो प्राविधिक विश्वविद्यालय की तरह प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेजों को मान्यता, डिग्री दे और प्रशासनिक नियंत्रण रखे। पूर्व पीएम पहली बार 1957 में बलरामपुर जिले से संसद पहुंचे थे। इसलिए उनके नाम पर बलरामपुर जिले में गुणवत्तापरक चिकित्सा शिक्षा और उपचार उपलब्ध कराने के लिए केजीएमयू का सेटेलाइट सेंटर खोलने की योजना है।
कानपुर विश्वविद्यालय के जिस डीएवी कालेज में पूर्व पीएम ने पढ़ाई की थी, वहां सेंटर ऑफ एक्सीलेंस बनाने की तैयारी है। विभिन्न विभागों से प्राप्त हो रहे प्रस्तावों के आधार पर पूरी हो चुकीं या निर्माणाधीन परियोजनाओं के नामकरण की तैयारी की जा रही है। साथ ही पूर्व पीएम के नाम पर कुछ बड़े नए कार्य शुरू करने पर भी विचार किया जा रहा है। इसके तहत लखनऊ में आउटर रिंग रोड और गोमती नगर रेलवे टर्मिनल भी पूर्व पीएम के नाम करने की तैयारी है। ऐसे ही आगरा-लखनऊ एक्सप्रेस वे का नाम भी उनके नाम पर किया जा सकता है।