बनर्जी ने एक वक्तव्य में कहा, एनडीटीवी पर प्रतिबंध स्तब्ध कर देने वाला है। पठानकोठ घटना के कवरेज को लेकर अगर सरकार को कोई आपत्ति थी तो इसके लिए नियम कायदे मौजूद हैं। लेकिन प्रतिबंध आपातकाल जैसी स्थिति की गवाही देता है।
अंत:मंत्रालयी पैनल कल इस निष्कर्ष पर पहुंचा था कि जब भारतीय वायुसेना के शिविर पर आतंकी हमला हो रहा था तब एनडीटीवी इंडिया चैनल ने महत्वपूर्ण और रणनीतिक रूप से संवदेनशील सूचनाओं को प्रसारित कर दिया था। केबल टीवी नेटवर्क (नियमन) कानून के तहत प्राप्त शक्तियों का इस्तेमाल करते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय ने कहा था कि भारत भर में किसी भी मंच के जरिए एनडीटीवी इंडिया के एक दिन के प्रसारण या पुन: प्रसारण पर रोक लगाने के आदेश दिए गए हैं। यह आदेश नौ नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट से 10 नवंबर, 2016 को रात बारह बजकर एक मिनट तक प्रभावी रहेगा।
आतंकी हमलों के कवरेज को लेकर किसी भी चैनल के खिलाफ दिया गया यह इस तरह का पहला आदेश है। इस बाबत नियम पिछले साल अधिसूचित किए गए थे। अपने जवाब में चैनल ने कहा है कि यह किसी बात को अपने-अपने नजरिए से देखने का मामला है और जो सूचनाएं हमने प्रसारित की हैं वह पहले से ही प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के जरिए जनता के सामने थीं।
भाषा