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भारत बॉयोटेक और सीरम में "वैक्सीन वॉर", एक ने कहा पानी तो दूसरे ने कहा 200% ईमानदार

देश में कोरोना वायरस की दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। इसमें भारत बायोटेक...
भारत बॉयोटेक और सीरम में

देश में कोरोना वायरस की दो वैक्सीन को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी मिल गई है। इसमें भारत बायोटेक द्वारा निर्मित किए गए कोवैक्सीन और सीरम इंस्टिट्यूट द्वारा बनाए गए कोविशील्ड है। हालांकि, अब दोनों वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों के मालिक हीं आपस में भिड़ गए हैं। दरअसल, सीरम इंस्टीट्यूट के सीईओ अदर पूनावाला ने भारत बायोटेक के कोवैक्सीन को मंजूरी मिलने को लेकर आपत्ति जताई थी। अब भारत बायोटेक के फाउंडर और चेयरमैन कृष्णा एल्ला ने सीरम इंस्टिट्यूट पर पलटवार किया है। 

कृष्णा एल्ला ने अपने बयान में कहा है कि हम इस तरह की प्रतिक्रिया की उम्मीद नहीं करते हैं। साथ हीं उन्होंने लोगों से वैक्सीन के मुद्दे पर राजनीति ना करने का आग्रह किया है। दरअसल, कोरोना वैक्सीन के मंजूरी मिलने के बाद से हीं राजनीति शुरू हो गई है। पहले यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा कि वो इस वैक्सीन को नहीं लगवाएंगे जबकि सोमवार को एमपी के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वो अभी टीकाकरण नहीं करवाएंगे। हालांकि, शिवराज ने इसकी दूसरी वजह बताई है।

अदर पूनावाला का नाम लिए बिना एल्ला ने एक इंटरव्यू में कहा, “हम 200 फीसदी ईमानदार क्लिनिकल ट्रायल करते हैं और उसके बाद हमें ऐसी प्रतिक्रिया मिलती है। यदि मैं गलत हूं तो मुझे बताएं। कुछ कंपनियां हमारी वैक्सीन को पानी की तरह बता रही हैं। इससे हमें दुख होता है। हम वैज्ञानिक हैं।“

रविवार को एक टीवी चैनल को दिए एक इंटव्यू में अदर पूनावाला ने कहा था कि अब तक सिर्फ फाइजर, मॉडर्ना और ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की वैक्सीन हीं प्रभावकारिता साबित हुई है। बाकी सभी वैक्सीन सिर्फ पानी की तरह सुरक्षित हैं।

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