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मोदी के सूट के लिए सवा करोड़ रुपये की बोली

सूरत के एक कपड़ा कारोबारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विवादास्पद बंद गला सूट की 18 फरवरी की नीलामी के दौरान 1.21 करोड़ रुपये की बोली लगाई।
मोदी के सूट के लिए सवा करोड़ रुपये की बोली

मोदी ने अपने ही नाम की धारियों वाला यह सूट पिछले महीने अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान पहना था। राजेश जुनेजा ने प्रधानमंत्री मोदी के नेवी ब्लू रंग के बंद गले के सूट के लिए 1.21 करोड़ रुपये की बोली लगाई। तीन दिनों के नीलामी कार्यक्रम के दौरान यह सूट आकर्षण का केंद्र बना हुआ है।

इससे पहले, एक आप्रवासी भारतीय विराल चोकसी ने इसके लिए 1.11 करोड़ रुपये की बोली लगाई। एक अन्य कारोबारी सुरेश अग्रवाल ने सूट के लिए एक करोड़ रुपये की बोली लगाई। एक अन्य व्यक्ति राजू अग्रवाल ने सूट के लिए 51 लाख रुपये की पेशकश की। इससे पहले, सूरत स्थित चार्टर्ड एकाउंटेंट पंकज ने 11 लाख रुपये की पहली बोली लगाई थी, इसके कुछ ही मिनट बाद राजू अग्रवाल ने 51 लाख रुपये की बोली लगाई।

सुरेश अग्रवाल ने कहा, मैंने एक करोड़ रुपये की पेशकश की। यह कार्य धर्मार्थ मकसद से है और जब प्रधानमंत्री गंगा की सफाई के मकसद से यह कर रहे हों, तब मैंने सूट खरीदने की दिशा में आगे बढ़ने का निर्णय किया। एक आप्रवासी भारतीय गुजराती कारोबारी रमेश बी विरानी ने दावा किया है कि उन्होंने अपने पुत्र के विवाह समारोह का निमंत्रण पत्र देते समय मोदी को यह सूट भेंट किया था।

राजनीतिक क्षेत्रों में बहस का मुद्दा बने प्रधानमंत्री के इस सूट की उन 455 वस्तुओं के साथ नीलामी की जा रही है जो मोदी को उनके कार्यकाल के पहले नौ महीने के दौरान तोहफे के रूप में प्राप्त हुई है। नीलामी का मकसद प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी स्वच्छ गंगा मिशन के लिए धन जुटाना है।

सूरत के नगर निगम आयुक्त मिलिंद तोरावने के अनुसार,  अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की भारत यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जिस सूट को पहना था, उसकी सूरत में तीन दिवसीय आयोजन के दौरान उन अन्य 455 अन्य वस्तुओं के साथ नीलामी की जा रही है जो प्रधानमंत्री को तोहफे के तौर पर प्राप्त हुई थी।

कांग्रेस नेता अजय माकन ने कहा है कि सूट की नीलामी इसको लेकर हुई आलोचना के मद्देनजर नुकसान की भरपायी के मकसद से की जा रही है। प्रधानमंत्री ऐसे सूट पहन कर गरीबों का मखौल उड़ा रहे हैं। उन्होंने कहा, इतने महंगे तोहफे को निजी तोहफा कैसे कहा जा सकता है? ऐसे तोहफे के बदले इसे देने वाला व्यक्ति क्या उम्मीद करता है? ऐसे तोहफे का निपटारा कैसे किया जा सकता है, इसके बारे में नियम है, प्रधानमंत्री तोहफों की नीलामी करने का निर्णय नहीं कर सकते।

सूरत के कलेक्टर राजेन्द्र कुमार ने कहा कि बोली की प्रक्रिया 20 फरवरी को शाम पांच बजे बंद होगी। उन्होंने कहा कि सभी बोली लिखित रूप में दी जानी है।

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