उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर के खतौली में शनिवार की शाम मौत बनकर आई। करीब 05:45 बजे पूरी से हरिद्वार जाने वाली कलिंगा उत्कल एक्सप्रेस के 12 डिब्बे पटरी से उतर गए। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस दुर्घटना में अब तक 23 लोगों ने अपनी जान गंवा दी। जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हैं।
घटना की भयावहता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि पटरी से उतरने के बाद रेल के कई कोच एक दूसरे में घुस गए। कई डिब्बे एक-दूसरे के ऊपर चढ़ गए। यात्रियों को निकालने के लिए गैस कटर से डिब्बे काटे गए। पटरी से उतरे डिब्बे ट्रैक के पास बने मकानों और स्कूल इमारत में घुस गए। वहीं डिब्बों को हटाने के लिए क्रेन का इस्तेमाल किया गया।
खतौली हादसे के पीछे रेलवे की घोर लापरवाही! ऐसे हुई यात्रियों की जान से खिलवाड़
प्रत्यक्षदर्शी और मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार इसे सिर्फ हादसा नहीं कहा जा सकता। क्योंकि इसके पीछे रेलवे की कई बड़ी लापरवाही सामने आई है। लापरवाही के चलते लोगों ने अपना जीवन खो दिया।
#बताया जा रहा है कि ट्रेन को मरम्मत वाली ट्रैक से गुजरने दिया गया। जिसकी वजह से यह गंभीर दुर्घटना घटी। कुछ लोग यह भी बता रहे हैं कि हादसे के दौरान वहां रेलवे के कर्मचारी भी मौजूद थे।
#दुर्घटना स्थल पर ट्रैक के पास हथौड़ा, रिंच, पाना,पेचकस जैसे औजार मिले। ये सारे औजार रेलवे के ही बताए जा रहे हैं। इससे यह आंशका गहरी होती है कि ट्रैक पर मरम्मत का काम जारी था।
#इसके अलावा जिस रेलवे ट्रैक पर यह दुर्घटना घटी, वहां ट्रैक का कटा हुआ टुकड़ा मिला। साथ ही फिश प्लेट भी मिली जो दो पटरियों को जोड़ती है। साथ ही लाल झंडा मिलने की भी बात कही जा रही है। लाल झंडा ट्रैक पर मरम्मत के वक्त लगाया जाता है।
# एक्सप्रेस करीब 105 किलो मीटर प्रति घंटे की गति से चल रही थी। ट्रैक पर दो दिनों से सिग्नलिंग का काम चल रहा था। शनिवार को उत्कल के ड्राइवर को कॉशन कॉल नहीं मिला। ऐसी जगह रफ्तार 15-20 किमी प्रति घंटा रखी जाती है।
#बताया जा रहा है कि हादसे वाली जगह पर करीब 200 मीटर ट्रैक लंबे समय से खराब है। अक्सर फ्रैक्चर के कारण यहां ट्रेनें धीमी रफ्तार से निकलती हैं। यह ट्रैक बदलने का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड मंजूर कर चुका है, लेकिन काम शुरू नहीं हुआ है।
ऐसे में सवाल उठता है कि जब रेलवे ट्रैक पर मरम्मत का काम चल रहा था तो कैसे इस ट्रेन को वहां गुजरने दिया गया। क्या कोई एलर्ट जारी नहीं किया गया? या हजारों जीवन को कमतर आंका गया?
पीएम मोदी ने जताया दुख
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खतौली रेल हादसे पर दुख जताते हुए घायलों के शीघ्र स्वस्थ होने की कामना की। पीएम ने कहा कि रेल मंत्रालय स्थिति पर लगातार नजर बनाए रखे हैं। यूपी सरकार और रेल मंत्रालय सभी आवश्यक मदद मुहैया कराने में जुटे हैं।
Railways Ministry & UP Government are doing everything possible & providing all assistance required in the wake of the train derailment: PM
— PMO India (@PMOIndia) 19 August 2017
Extremely pained by the derailment of the Utkal Express in Muzaffarnagar. My thoughts are with the families of the deceased: PM
— PMO India (@PMOIndia) 19 August 2017
सुरेश प्रभु ने कहा- शाम तक तय हो जिम्मेदारी
रेल मंत्री सुरेश प्रभु ने रेलवे बोर्ड अध्यक्ष को निर्देश दिया कि मौजूदा सबूतों के आधार पर शाम तक जिम्मेदारी तय की जाए।
Will not allow laxity in operations by the Board. Have directed CRB to fix responsibility on prima facie evidence by end of day.
— Suresh Prabhu (@sureshpprabhu) 20 August 2017