देश के अलग-अलग राज्यों में फंसे लोगों को लाने के लिए बिहार, पंजाब और तेलंगाना ने केंद्र सरकार से विशेष ट्रेन चलाने की मांग की है। दरअसल, गृहमंत्रालय द्वारा जारी गाइडलाइन में राज्य सरकारों से लोगों को बसों में ले जाने के लिए कहा गया है। लॉकडाउन में फंसे प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और पर्यटकों को अपने घर जाने की अनुमति देने को लेकर बुधवार को गृह मंत्रालय ने गाइडलाइन जारी की थी। एक वरिष्ठ अधिकारी ने गुरुवार को कहा कि इसे राज्यों को कड़ाई से फॉलो करना होगा।
गाइडलाइन के मुताबिक बस के चलने से पहले उसे पूरी तरह से सैनिटाइज किया जाएगा और लोगों को बस में बैठाने के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का ध्यान रखना होगा। गंतव्य पर पहुंचने के बाद लोगों के स्वास्थ्य का आकलन और स्क्रीनिंग स्थानीय स्वास्थ्य अधिकारियों द्वारा की जाएगी और उन्हें क्वारेंटाइन में रखा जाएगा। राज्य सरकारों ने फंसे हुए लोगों को लाने में मदद करने के लिए मानक प्रोटोकॉल विकसित करने हेतु नोडल अधिकारियों की नियुक्ति कर दी है।
लोगों को बस से ही राज्य सरकार लाएगी
केंद्रीय गृह मंत्रालय की संयुक्त सचिव पुण्य सलिला श्रीवास्तव ने कहा कि वर्तमान में जारी आदेश के मुताबिक लोगों को बसों के द्वारा ही राज्य सरकारें मंगवाएंगी। बता दें, वरिष्ठ कांग्रेस नेता और पूर्व वित्तमंत्री पी चिदंबरम ने प्रवासियों और छात्रों को घर भेजने की अनुमति देने के सरकार के फैसले का स्वागत किया था। साथ ही चिदंबरम ने सरकार को सुझाव दिया था कि इन लोगों को ले जाने के लिए ट्रेनें सैनिटाइज्ड करके चलानी चाहिए, क्योंकि बसें इसके लिए पर्याप्त नहीं होगी।
बस से लाने में महीनों लग सकते: बिहार सरकार
बिहार सरकार ने केंद्र सरकार से अपील की है कि देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों की वापसी की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की अनुमति दी जाए। उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने एक वीडियो संदेश के जरिए यह अपील की। उन्होंने कहा कि राज्य के पास बस सीमित संख्या में उपलब्ध हैं। सड़क मार्ग के जरिए लाने में महीनों लग सकते हैं। वहीं, इस बाबत बिहार पुलिस के महानिदेशक गुप्तेश्वर पांडे ने कहा कि बिहार लौटने वाले प्रवासी श्रमिकों, छात्रों और अन्य लोगों को राज्य की सीमाओं पर स्क्रीनिंग कराई जाएगी। जिसके बाद उन्हें संबंधित राज्य के ब्लॉक में छोड़ने की व्यवस्था की जाएगी। उसके बाद फिर से उनकी स्क्रीनिंग की जाएगी और क्वारेंटाइन किया जाएगा।
गौरतलब है कि बुधवार को जारी गाइडलाइन में मंत्रालय ने कहा है कि बस से राज्य सरकारें लोगों को ले जाएंगी। राज्य और केंद्रशासित प्रदेश इस काम के लिए नोडल अथॉरिटी नामित करेंगे और ये अथॉरिटी अपने-अपने यहां फंसे लोगों का रजिस्ट्रेशन करेंगी। जिन राज्यों के बीच लोगों की आवाजाही होनी है, वहां की अथॉरिटी एक दूसरे से संपर्क कर सड़क के जरिए लोगों की आवाजाही सुनिश्चित करेंगी।