कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कपिल सिब्बल ने फिर यह आरोप दोहराया कि सरकारी अधिकारी और भाजपा के कुछ नेता एक ऐसे रैकेट में शामिल हैं जो नोटबंदी की वजह से प्रचलन से बाहर हुए 500 और 1,000 रुपए के पुराने नोटों को नए नोटों से बदलने का काम कर रहा है।
समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक, एक ‘स्टिंग ऑपरेशन’ की वीडियो क्लिप दिखाते हुए कपिल सिब्बल ने दावा किया कि 40 प्रतिशत तक के कमीशन के आधार पर जनवरी 2017 से लेकर 2018 के मध्य तक बड़ी संख्या में नोटों की अदला-बदली की गई है।
बता दें कि प्रचलन से बाहर किए गए नोटों को बैंकों में जमा करने की समयसीमा जनवरी 2017 में पूरी हुई थी। बहरहाल, वरिष्ठ वकील ने कहा कि वह वीडियो क्लिप की प्रामाणिकता का दावा नहीं कर सकते। सिब्बल ने 10 मिनट लंबे एक वीडियो की स्क्रीनिंग की जिसमें कई क्लिप थे, जिसमें कथित तौर पर कुछ लोगों को कमीशन के लिए मुद्रा की अदला-बदली पर चर्चा करते हुए दिखाया गया। सिब्बल ने बीते नौ अप्रैल को भी ऐसे ही आरोप लगाए थे तब केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने आरोपों को खारिज किया था।
‘भारतीय इतिहास में नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला’
सिब्बल ने आरोप लगाया कि भारतीय इतिहास में नोटबंदी सबसे बड़ा घोटाला है। उन्होंने कहा कि उच्च मूल्यवर्ग के नोटों को विदेशों में छापा जाता था और भारत ले जाया जाता था और महाराष्ट्र में विभिन्न सरकारी गोदामों में बड़े कमीशन के बदले बांटा जाता था।
उन्होंने कहा, "यही कारण है कि नोटबंदी के दौरान कोई भी धनवान व्यक्ति बैंकों के सामने कतारों में नहीं पाया गया।"
अदालत जाने के सवाल पर क्या बोले सिब्बल
उन्होंने कहा, "यह आपका (पत्रकारों का) या जांच एजेंसियों का काम है कि वे वीडियो को सत्यापित और प्रमाणित कर सकें। मैं कह सकता हूं कि पूरा स्टिंग वीडियो टीएनएन की वेबसाइट पर उपलब्ध है।"
यह पूछे जाने पर कि उन्होंने खुद एक वकील होने के नाते अदालतों से संपर्क क्यों नहीं किया, सिब्बल ने कहा, "मैं रोजाना अदालत जाता हूं और देखता हूं कि वहां क्या होता है। मैं कोई मामला दर्ज नहीं कर रहा हूं ... लेकिन जब हमारी सरकार सत्ता में आएगी, तो हम इसकी जांच करेंगे।" अगर मेरी पार्टी सहमत नहीं है और उच्च-स्तरीय जांच स्थापित नहीं करती है, तो मैं पार्टी छोड़ दूंगा।"