वहीं रियल एस्टेट बिल पारित हो जाने के बाद देश भर में रियल एस्टेट के क्षेत्र से जुड़े कानून एक समान हो जाएगा। रियल एस्टेट बिल 2013 अभी राज्यसभा में लंबित है। कई संशोधनों के साथ इस बिल को अगले स़त्र में पेश किए जाने की तैयारी है।
इस बिल की सबसे खास बात यह है कि रिहायशी के साथ-साथ व्यवसायिक रियल एस्टेट के क्षेत्र में भी नए कानून के दायरे में लाया गया है। इस बिल में जो प्रमुख तौर पर संशोधन हुआ है उसमें निर्माणाधीन प्रोजेक्ट भी इसके दायरे में होंगे और तीन माह के अंदर रेगुलेटर के पास रजिस्ट्रेशन कराना होगा। नए कानून के तहत किसी भी योजना में तब तक कोई बदलाव नहीं किया जाएगा, जब तक इसके लिए 66.6 फीसदी उपभोक्ता सहमति न दे दे।
नए कानून में यह प्रावधान किया गया है कि सभी राज्य एक साल के अंदर कानून बनाए और जिला जज के स्तर का अधिकारी को नियुक्त करना होगा। इसके साथ ही आॅनलाइन रजिस्ट्रेशन की सुविधा देनी होगी और रेगुलेटर को 60 दिन के अंदर फैसला लेना होगा। कैबिनेट में जुवेनाइल एक्ट में संशोधन को लेकर कोई चर्चा नहीं हुई।