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'शादी के बाद जबरन सेक्स को नहीं कह सकते गैरकानूनी', मुंबई की अदालत ने पति को दी जमानत

मुंबई की एक अदालत ने माना है कि पत्नी से जबरदस्ती सेक्स को गैर कानूनी नहीं कहा जा सकता है। यहां के एक...
'शादी के बाद जबरन सेक्स को नहीं कह सकते गैरकानूनी', मुंबई की अदालत ने पति को दी जमानत

मुंबई की एक अदालत ने माना है कि पत्नी से जबरदस्ती सेक्स को गैर कानूनी नहीं कहा जा सकता है। यहां के एक सेशन कोर्ट में एक आरोपी पति ने अपनी याचिका दायर की थी। इस याचिका में पति ने कहा था कि उसकी पत्नी ने उसपे जबरदस्ती यौन संबंध बनाने के आरोप लगाए हैं जो गलत हैं। इसके साथ ही उसने इस पूरे मामले में जमानत के लिए अर्जी भी दी थी। एबीपी न्यूज के अनुसार इस मामले में कोर्ट के ए़डिशनल सेशन जज संजयश्री जे घराट का कहना है कि आरोपी व्यक्ति महिला का पति है औऱ इसलिए ऐसा नहीं माना जा सकता है कि उसने कोई गैर कानूनी कार्य किया है। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए महिला के पति को जमानत भी दे दी है।

दोषारोपण करने वाली महिला का विवाह 2020 नवंबर में हुआ था। जिसके बाद महिला ने अपने पति और ससुराल पक्ष के खिलाफ पुलिस थाने में एफआइआर दर्ज करते हुए आरोप लगाया था कि उसका पति और ससुराल वाले शादी के बाद से ही उसे तंग कर रहे हैं और दहेज की मांग कर रहे हैं। महिला ने यह भी आरोप लगाया कि शादी के एक महीने बाद पति ने उसकी मर्जी के खिलाफ उसके साथ शारीरिक संबंध बनाए। जिसके बाद आरोपी पति ने जमानत के लिए कोर्ट में याचिका दायर की।

ये कपल 2 जनवरी को मुंबई के पास एक महाबलेश्वर गए हुए थे, जहां उसके पति ने उससे फिर से जबरदस्ती संबंध बनाए। उसके बाद महिला ने आरोप लगाया कि वह अस्वस्थ महसूस करने लगी और डॉक्टर के पास गई। जांच के बाद डॉक्टर ने उसे बताया कि उसकी कमर के नीचे लकवा लग गया है।

इसके बाद महिला ने अपने पति और अन्य के खिलाफ मुंबई में प्राथमिकी दर्ज की, जिन्होंने बाद में अग्रिम जमानत याचिका के साथ अदालत का दरवाजा खटखटाया।

इस पूरे मामले में एडिशनल सेशन जज संजयश्री जे घराट ने कहा कि यह बेहद दुखद है कि महिला को लगवा लग गया है। हालांकि महिला की इस हालत के लिए उसके पति या परिवार को दोषी नहीं ठहराया जा सकता है। महिला ने अपने याचिकाकर्ता पर जिस प्रकार के आरोप लगाए हैं उसके लिए हिरासत में लेकर पूछताछ करना आवश्यक नहीं है।

इस मामले की सुनवाई के दौरान पति और उसके परिवार ने कहा कि हमें झूठे आरोप में फंसाने की कोशिश की जा रही है। हमारी ओर से दहेज के लिए कभी कोई मांग नहीं की गई थी। वहीं दोषारोपण पक्ष ने आरोपी पति को दी जा रही अग्रिम जमानत याचिका का विरोध किया। जिसके बाद न्यायाधीश ने कहा कि महिला आऱोपों में दहेज की मांग की शिकायत की थी, लेकिन उसने इस बात को लेकर कोई जानकारी नहीं दी है कि उससे दहेज की कितनी रकम की मांग की गई थी।

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