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भाजपा का ओबीसी कार्ड, क्रीमीलेयर 6 से बढ़ाकर 8 लाख

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि ओबीसी में सब-कैटेगिरी बनाने को लेकर एक आयोग का गठन किया जाएगा। ये आयोग ओबीसी कैटिगिरी में सब-कैटेगिरी बनाने को लेकर विचार करेगा।
भाजपा का ओबीसी कार्ड, क्रीमीलेयर 6 से बढ़ाकर 8 लाख

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बुधवार को ओबीसी आरक्षण को लेकर एक बड़ा ऐलान किया। केंद्रीय कैबिनेट ने ओबीसी आरक्षण के लिए क्रीमी लेयर की आय सीमा को बढ़ाकर 8 लाख कर दिया है। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद यह जानकारी दी। 

इस फैसले के बाद अब आठ लाख रुपये सालाना तक कमाने वाली अन्य पिछड़ी जातियां (OBC) क्रीमी लेयर में आएंगी। पहले यह सीमा छह लाख रुपये सालाना की थी। सरकार के नए फैसले की वजह से अब ओबीसी वर्ग के ज्यादा लोगों को नौकरियों और भर्तियों में आरक्षण का फायदा मिल सकेगा। 

वित्त मंत्री अरुण जेटली ने बताया कि ओबीसी में सब-कैटेगिरी बनाने को लेकर एक आयोग का गठन किया जाएगा। ये आयोग ओबीसी कैटिगिरी में सब-कैटेगिरी बनाने को लेकर विचार करेगी। आयोग का चेयरपर्सन नियुक्त होने के बाद आयोग 12 हफ्ते में इससे संबंधित रिपोर्ट देना होगा। जेटली ने कहा कि यह कदम सभी ओबीसी को फायदा पहुंचाने के लिए उठाया गया है।

इसके साथ ही केंद्रीय कैबिनेट ने ओबीसी के तहत सबकैटेगरी बनाने के लिए आयोग बनाने का फैसला किया है ताकि आरक्षण का फैसला ज़रूरतमंदों को मिले। यह आयोग गठित होने के 12 सप्ताह में रिपोर्ट देगा। वित्त मंत्री ने कहा, "इस बारे में साल 2011 में राष्ट्रीय पिछड़ा वर्ग आयोग ने सिफारिश की थी। इस प्रकार की सबकैटगरी बनायी जाए। इसी प्रकार की सिफारिश पार्लियामेंट की स्टैंडिंग कमेटी ने भी साल 2012-13 में की थी। मंत्री परिषद में चर्चा के बाद इसको स्वीकार किया गया। ओबीसी की सूची में सब-कैटिगरी बनाने की दिशा में एक आयोग का गठन करने के लिए राष्ट्रपति के पास सिफारिश भेजी गई है।”

उन्होंने बताया कि इन सिफारिशों के आधार पर आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, पुड्डुचेरी, कनार्टक, हरियाणा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, बिहार, महाराष्ट्र और तमिलनाडु तथा जम्मू-कश्मीर जैसे 11 राज्यों में ओबीसी सूची की सबकैटेगरी बना चुके हैं। उन्होंने बताया कि सबकैटेगरी से उन जातियों को भी लाभ मिल सकेगा जो अभी तक आरक्षण के लाभ से वंचित रही है।

गौरतलब है कि सरकारी नौकरियों और शिक्षण संस्थानों में ओबीसी के लिए 27 प्रतिशत आरक्षण है। आरक्षण के पात्र वही लोग होते हैं जिनके परिवार की वार्षिक आय क्रीमी लेयर के दायरे में न आती हो। अभी तक ये वार्षिक आय छह लाख रुपये तक तक थी, अब यह 8 लाख रुपये हो गई है।

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