सोशल मीडिया की निगरानी करने को लेकर जारी बहस के बीच सरकार ने यूटर्न ले लिया है। इसके खिलाफ दाखिल याचिका के मामले में केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि उसने सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब स्थापित करने के प्रस्ताव को वापस ले लिया है। सुप्रीम कोर्ट में सरकार की ओर से अटार्नी जनरल केके वेणुगोपाल ने कहा कि केंद्र सरकार सोशल मीडिया की निगरानी नहीं करेगी और सरकार पूरे प्रोग्राम पर पुनर्विचार कर रही है।
इस तरह से सोशल मीडिया कम्युनिकेशन हब स्थापित करने के खिलाफ दाखिल याचिका की पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को नोटिस जारी करते हुए कहा था कि क्या सरकार सर्विलांस स्टेट बनाना चाहती है?
दरअसल तृणमूल कांग्रेस की विधायक महुआ मोइत्रा का कहना था कि सोशल मीडिया की निगरानी के लिए केंद्र यह कार्यवाही कर रहा है। इसके बाद ट्विटर, फेसबुक, इंस्टाग्राम व ईमेल में मौजूद हर डेटा तक केंद्र की पहुंच हो जाएगी। उन्होंने इसे निजता के अधिकार का उल्लंघन बताया।
बता दें कि हाल ही में केंद्रीय सूचना मंत्रालय के तहत काम करने वाले पीएसयू ब्रॉडकास्ट कंसल्टेंट इंडिया लि. (बीईसीआइएल) ने एक टेंडर जारी किया था। इसमें एक सॉफ्टवेयर की आपूर्ति के लिए निविदाएं मांगी गई थीं, जिसमें सरकार इसके तहत सोशल मीडिया के माध्यम से सूचनाओं को इकठ्ठा करती और देखती कि सरकारी योजनाओं पर लोगों का क्या नजरिया है।
 
                                                 
                             
                                                 
                                                 
                                                 
			 
                     
                    