संसद के दोनों सदनों में उठी मांग के बाद केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि स्थिति भयावह है और केंद्र सरकार राज्य को हर संभव सहायता मुहैया करा रही है। सिंह ने राष्ट्रीय आपदा जैसे सवालों पर कुछ नहीं कहा कि लेकिन इतना जरूर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी स्थिति का जायजा लेने के लिए तमिलनाडु गए हैं और उनके आने के बाद ही कोई फैसला लिया जाएगा। सूत्रों के मुताबिक बाढ़ की भयावहता को देखते हुए इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जा सकता है। अन्नाद्रमुक के सांसद लगातार यह मांग कर रहे हैं कि सरकार इसे राष्ट्रीय आपदा घोषित करे। क्योंकि बाढ़ ने सौ साल से अधिक समय का रिकार्ड तोड़ दिया है।
उधर लोकसभा में राजनाथ सिंह ने बताया कि चेन्नई के हालात इतने खराब हो गए हैं कि वहां राहत पहुंचाना भी कठिन हो रहा है और शहर के टेलीफोन तथा मोबाइल फोन की कनेक्टिविटी भी बहुत अधिक प्रभावित हुई है। बाढ़ के कारण कई जगह बिजली भी काटनी पड़ी है। तमिलनाडु में वर्षा और बाढ़ से अब तक 269, पुदुचेरी में 2 और आंध्रप्रदेश में 54 लोगों के मारे जाने की खबर है। राजनाथ ने कहा कि तमिलनाडु सरकार ने बताया है कि चेन्नई में पेयजल, भोजन और दूध की कमी नहीं है। उन्होंने कहा कि इस विषम में स्थिति से निपटने के लिए 110 नावों के साथ एनडीआरएफ की 30 टीमें वहां रवाना की गई है। इनके अलावा राहत और बचाव कार्य के लिए सेना के आठ कॉलम वहां भेजे गए हैं। इसके अतिरिक्त हैदराबाद से कल सेना के दो कॉलम वहां रवाना किये गए और दिल्ली से चार कॉलम शाम तक वहां हवाई मार्ग से पहुंचाये जायेंगे। केंद्र की ओर से तमिलनाडु और बाढ़ से प्रभावित अन्य राज्यों को दी जाने वाली वित्तीय सहायता की जानकारी भी उन्होंने सदन के समक्ष रखी।