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लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान, 'हम बैलट पेपर के युग में वापस नहीं जाने वाले'

हाल ही में लंदन के साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा के ईवीएम हैक को लेकर किए गए दावे के बाद गुरुवार को मुख्य...
लोकसभा चुनाव से पहले मुख्य चुनाव आयुक्त का बड़ा बयान, 'हम बैलट पेपर के युग में वापस नहीं जाने वाले'

हाल ही में लंदन के साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा के ईवीएम हैक को लेकर किए गए दावे के बाद गुरुवार को मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने ईवीएम की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए जाने को गलत करार दिया। उन्होंने कहा कि हम चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट को ही जारी रखेंगे। साथ ही, ये भी कहा कि ईवीएम और वीवीपैट को लेकर राजनीतिक दलों समेत अन्य लोगों के लिए आलोचना करने और फीडबैक देने के रास्ते खुले हैं। मुख्य चुनाव आयुक्त के इस बयान के बाद सियासत तेज हो गई है। बता दें कि विपक्षी पार्टियां लगातार आगामी लोकसभा चुनाव में इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (ईवीएम) की जगह बैलट पेपर की मांग कर रही है। 

हम बैलट पेपर के युग में वापस नहीं जाने वाले हैं

राजधानी दिल्ली में गुरुवार को आयोजित एक कार्यक्रम में मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा ने देश में लगातार बैलट पेपर से चुनाव कराए जाने की मांग के बीच बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा, मैं स्पष्ट कर देना चाहता हूं कि हम बैलट पेपर के युग में वापस नहीं जाने वाले हैं’। उन्होंने कहा कि ईवीएम को फुटबाल नहीं बनाना चाहिए।

हम आलोचना के बावजूद ईवीएम और वीवीपैट को नहीं छोड़ेंगे

न्यूज़ एजेंसी एएनआई के मुताबिक सुनील अरोड़ा ने कहा, ‘हम चुनाव में ईवीएम और वीवीपैट को ही जारी रखेंगे। हम किसी भी तरह की आलोचना और प्रतिक्रिया के लिए तैयार हैं, चाहे वह किसी राजनीतिक दल के द्वारा क्यों न की जा रही हो। हम आलोचना के बावजूद ईवीएम और वीवीपैट को नहीं छोड़ेंगे और बैलट पेपर के जमाने में वापस नहीं जाएंगे’। चुनाव आयोग के इस बयान से साफ हो गया है कि आगामी लोकसभा चुनाव को बैलट पेपर से कराने के लिए वह विचार नहीं करने जा रहा है।

पूरे देश में बैलट पेपर से चुनाव कराने को लेकर चर्चा जोरों पर

दरअसल, मुख्य निर्वाचन आयुक्त सुनील अरोड़ा का यह बयान ऐसे समय में आया जब पूरे देश में बैलट पेपर से चुनाव कराने को लेकर चर्चा हो रही है। समाजवादी पार्टी, बहुजन समाज पार्टी और कांग्रेस समेत कई पार्टियां बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग कर रही हैं।

पिछले दिनों ईवीएम हैक को लेकर किया गया था दावा

बता दें कुछ दिन पहले स्काइप के जरिये लंदन में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए एक शख्स ने दावा किया था कि 2014 में वह भारत से पलायन कर गया था, क्योंकि अपनी टीम के कुछ सदस्यों के मारे जाने की घटना के बाद वह डरा हुआ था। शख्स की पहचान सैयद शुजा के तौर पर हुई है। उसने दावा किया कि टेलीकॉम क्षेत्र की बड़ी कंपनी रिलायंस जियो ने कम फ्रीक्वेंसी के सिग्नल पाने में बीजेपी की मदद की थी ताकि ईवीएम मशीनों को हैक किया जा सके।

उन्होंने दावा किया कि वह सार्वजनिक क्षेत्र की इलेक्ट्रॉनिक कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया लिमिटेड (ईसीआईएल) की टीम का हिस्सा थे, जिसने ईवीएम मशीन का डिजाइन तैयार किया था। वह भारतीय पत्रकार संघ (यूरोप) की ओर से आयोजित एक संवाददाता सम्मेलन में शामिल हुए थे। हालांकि वह स्काइप के जरिये पर्दे पर  नजर आए ले‌किन उनके चेहरे पर नकाब था।

चुनाव आयोग ने दिल्ली पुलिस को साइबर एक्सपर्ट सैयद शुजा के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के लिए कहा। आयोग ने मंगलवार को दिल्ली पुलिस को लिखे एक पत्र के माध्यम से शुजा के खिलाफ दर्ज शिकायत में कहा है कि शुजा ने भादंसं की धारा 505 (1) का कथित तौर पर उल्लंघन किया है। यह धारा जनसामान्य में दहशत पैदा करने वाली अफवाह फैलाने से जुड़ी है।

रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को घेरा

हाल ही में केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस को घेरा था। लंदन में शुजा के संवाददाता सम्मेलन के दौरान कांग्रेस नेता कपिल सिब्बल की मौजूदगी पर जोरदार हमला करते हुए केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने कहा, 'सिब्बल वहां क्या कर रहे थे? वह किस हैसियत से वहां मौजूद थे? मेरा आरोप यह है कि वह कांग्रेस की तरफ से कार्यक्रम पर नजर रखने के लिए वहां थे। उन्होंने इसे कांग्रेस की प्रायोजित साजिश करार दिया’।

कांग्रेस के अलावा बहुजन समाज पार्टी, समाजवादी पार्टी, आप, टीडीपी समेत कई अन्य विपक्षी दलों ने भी मामले पर गंभीर चिंता जताई और चुनाव आयोग से इसका संज्ञान लेने को कहा।

चुनावों में अक्सर ईवीएम मशीनों में दिखती है गड़बड़ी

चुनाव में अक्सर ईवीएम मशीनों में गड़बड़ी देखने को मिलती रहती है। हाल ही में पांच राज्यों में हुए विधानसभा चुनावों में भी ईवीएम में कई जगहों पर दिक्कतें सामने आई थीं, जिसके बाद कई राजनीतिक पार्टियों ने शिकायत की थी। लगातार राजनीतिक पार्टियां ईवीएम को खत्म कर बैलट पेपर से चुनाव कराने की मांग करती आ रही हैं।

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