भारत के मुख्य न्यायाधीश उदय उमेश ललित ने अपने उत्तराधिकारी के रूप में न्यायमूर्ति डीवाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की है। सुप्रीम कोर्ट के न्यायाधीशों की एक बैठक में उनके नाम की सिफारिश करना तय किया गया था। इसके साथ ही न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ 9 नवंबर को भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में कार्यभार ग्रहण करेंगे और उनका कार्यकाल दो साल से अधिक का होगा। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के वारंट जारी करने के बाद जस्टिस चंद्रचूड़ 9 नवंबर को 50वें मुख्य न्यायाधीश के पद की शपथ लेंगे।
मुख्य न्यायाधीश यू यू ललित ने आज सुबह 10:15 बजे सभी सुप्रीम कोर्ट जजों की बैठक में अपने उत्तराधिकारी के रूप में जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ के नाम की सिफारिश की। सीजेआई ललित की सिफारिश को एक पत्र के रूप में कानून मंत्रालय को भेजा जा रहा है।
बता दें कि जस्टिस यूयू ललित 8 नवंबर को रिटायर हो रहे हैं। 9 नवंबर को जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ देश के 50 वें मुख्य नयायाधीश के तौर पर शपथ लेंगे और 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। जस्टिस ललित 26 अगस्त 2022 को सीजेआई एनवी रमण का कार्यकाल पूरा होने के बाद देश के 49वें प्रधान न्यायाधीश नियुक्त किए गए थे। उनका कार्यकाल मात्र ढाई माह का है, जबकि उनके पूर्व प्रधान न्यायाधीशों का औसत कार्यकाल 1.5 साल का रहा है। जस्टिस चंद्रचूड़ 10 नवंबर 2024 को रिटायर होंगे। यानी वे दो साल तक देश के प्रधान न्यायाधीश रहेंगे। उन्हें 2016 में सुप्रीम कोर्ट का न्यायाधीश नियुक्त किया गया था।
बता दें कि जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ 13 मई 2016 को सुप्रीम कोर्ट के जज नियुक्त किए गए थे। इससे पहले वो 31 अक्टूबर 2013 से इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस थे। उससे पहले 29 मार्च 2000 को वो बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनाए गए थे। 1998 में उन्हें भारत के अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल नियुक्त किया गया था।