भारत के प्रधान न्यायाधीश शरद अरविंद बोबडे की मां के साथ 2.5 करोड़ की धोखाधड़ी हुई है। उन्हें पारिवारिक संपत्ति की देखभाल करने वाले एक शख्स ने कथित तौर पर ढाई करोड़ रुपये का चूना लगा दिया।
एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि आरोपी तापस घोष (49) को मंगलवार रात को गिरफ्तार कर लिया गया और नागपुर पुलिस की एसआईटी डीसीपी विनीता साहू के नेतृत्व में मामले की छानबीन कर रही है।
अधिकारी ने बताया कि आकाशवाणी चौक के पास बोबडे परिवार के आवास से सटी हुई उनकी संपत्ति है, जिसका नाम ‘सीडन लॉन’ है। उन्होंने कहा कि विभिन्न आयोजनों पर इसे किराए पर दिया जाता है। अधिकारी ने कहा कि न्यायमूर्ति बोबडे की मां मुक्ता बोबडे इस संपत्ति की मालिक हैं और घोष को इसकी देखभाल करने के लिए नियुक्त किया गया था।
उन्होंने कहा कि घोष पिछले 10 साल से संपत्ति का प्रबंधन संभाल रहा था और वित्तीय लेनदेन देख रहा था। मुक्ता बोबडे की उम्र और गिरते स्वास्थ्य का फायदा उठाकर घोष ने कथित तौर पर लॉन की फर्जी रसीदें बनाईं और ढाई करोड़ रुपये का घपला किया। अधिकारी ने कहा कि घपले की राशि इससे ज्यादा भी हो सकती है। उन्होंने कहा कि घोष और उसकी पत्नी ने लॉन के किराए से प्राप्त पूरा धन जमा नहीं कराया।
फर्जीवाड़े के सामने आने के बाद पुलिस ने एक एसआईटी का गठन किया, जिसमें आर्थिक अपराध शाखा के अफसर भी शामिल हैं। उन्होंने कहा कि मंगलवार की रात सीताबुलडी पुलिस थाने में एक प्राथमिकी दर्ज कराई गई और घोष से पूछताछ के बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।