एक हिंदी अखबार के मुताबिक, कुंदन ने कहा है कि उनको और प्रचंड को हथियार चलाने की ट्रेनिंग वेस्ट बंगाल के शीर्ष माओवादी नेता मनीष दा ने दिया था। साथ ही बताया कि इसमें प्रचंड के साथ लगभग 20 अन्य लोग भी थे। बता दें कि 15 लाख के इनामी नक्सली कमांडर कुंदन पाहन ने रविवार को पुलिस के सामने सरेंडर कर दिया है। उस पर 128 से अधिक मामले दर्ज हैं।
जनमुक्ति सेना के भी नेता हैं प्रचंड
गौरतलब है कि पुष्पकमल दहल प्रचंड नेपाल के प्रधानमंत्री के साथ-साथ नेपाल की कम्युनिस्ट पार्टी के सशस्त्र अंग जनमुक्ति सेना के भी शीर्ष नेता हैं।
पी चिदंबरम की डायरी में इस नक्सली का था नाम
बताया जाता है कि कुंदन पाहन इतना कुख्यात हो चुका था कि केंद्रीय गृह मंत्री रहे पी चिदंबरम की डायरी में भी इस नक्सली का नाम दर्ज था। जानकारी के मुताबिक कुंदन पाहन ने साल 2000 में नक्सली संगठन ज्वाइन किया था। उसके खिलाफ खूंटी में 50 और रांची में 42 केस दर्ज है। सरेंडर के बाद पुलिस ने पाहन को 15 लाख का चेक सौंपा।
तानाशाही की वजह से हुआ मोहभंग
कभी संगठन के लिए जमीनी स्तर पर काम करने वाले पाहन रीजनल कमेटी के सचिव के पद पर पहुंच गया। लेकिन उसने करीब चार साल पहले संगठन छोड़ दिया था। उसे अहसास हुआ कि संगठन में शीर्ष नेता तानाशाही रवैया अपनाते हैं। नीचे कैडर के लोगों का शोषण करते हैं। इसके बाद उसने संगठन से अलग होने का फैसला ले लिया।