मणिपुर में शनिवार को हुए बड़े आतंकी हमले में आतंकियों ने 46 असम राइफल्स के कमांडिंग ऑफिसर कर्नल विप्लव त्रिपाठी निशाना बनाया। उनके काफिले पर हमला किया गया। जिस वक्त यह हमला हुआ तब कर्नल त्रिपाठी अपने परिवार के साथ लौट रहे थे। इस हमले में कर्नल त्रिपाठी के अलावा 36 वर्षीय उनकी पत्नी अनुजा और 5 साल के बेटे अबीर की भी मौत हो गई।
त्रिपाठी परिवार छत्तीसगढ़ के रायपुर का रहने वाला था। इस पूरे हमले में कुल सात लोगों ने अपनी जान गंवा दी, जिसके बाद पूरा परिवार शोक में डूबा हुआ है। उनके परिवार को यकीन करना मुश्किल हो रहा है कि देश सेवा के लिए पूरे परिवार ने ही अपना बलिदान दे दिया।
आतंकी हमले में शहीद कर्नल त्रिपाठी को देश सेवा की प्रेरणा अपने दादा से मिली थी। उनके दादा किशोर मोहन त्रिपाठी एक स्वतंत्रता संग्राम सेनानी थे और अपने दादा से ही प्रेरित होकर ही उन्होंने सेना की वर्दी पहनने की ठानी थी।
कर्नल त्रिपाठी के मामा राजेश पटनायक ने न्यूज एजेंसी को बताया कि 1994 में जब विप्लव 14 साल के थे, तब उनके दादा किशोरी मोहन त्रिपाठी का निधन हो गया था। आर्मी की वर्दी पननने के लिए उन्हें प्ररित करने वाले उनके दादा ही थे।
विपल्व को अपने दादा किशोरी मोहन से बेहद लगाव था। जब ज्ञानी जैल सिंह देश के राष्ट्रपति थे, तब उन्होंने दादा के साथ राष्ट्रपति भवन का दौरा भी किया था।
30 मई 1980 में जन्मे विप्लव ने मध्य प्रदेश के रीवा स्थित सैनिक स्कूल से शिक्षा प्राप्त की थी। उनके पिता 76 वर्षीय सुभाष त्रिपाठी एक सीनियर जर्नलिस्ट हैं। वहीं उनकी मां आशा त्रिपाठी रिटायर्ड लाइब्रेरियन हैं।
विप्लव ने स्कूल की पढ़ाई के बाद नेशनल डिफेंस एकेडमी (एनडीए) में एडमिशन लिया था और उसके बाद उन्होंने देहरादून में इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) ज्वॉइन कर लिया था।
विप्लव 2001 में रानीखेत में कुमाउं रेजिमेंट में बतौर लेफ्टिनेंट कमीशन हुए। उसके बाद उन्होंने वेलिंगटन के डिफेंस सर्विस स्टाफ कॉलेज (जीएसएससी) से कमांड का कोर्स पास किया। विप्लव के छोटे भाई अनय त्रिपाठी ने भी रीवा सैनिक स्कूल से पढ़ाई की थी। वो भी आर्मी में हैं और इस वक्त शिलॉन्श में लेफ्टिनेंट कर्नल की रैंक पर पोस्टेड हैं।