सुप्रीम कोर्ट में केंद्र सरकार को 2023 के एक कानून के अनुसार नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करते हुए एक याचिका दायर की गयी है। इस कानून के प्रावधानों को न्यायालय में चुनौती दी गयी है।
सुप्रीम कोर्ट ने विपक्ष की याचिका पर कहा कि वह केंद्र सरकार को 2023 के एक कानून के अनुसार नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करने से रोकने का अनुरोध करने वाली यचिका को सुनवाई के लिए तत्काल सूचीबद्ध करने पर विचार करेगा। इस कानून के प्रावधानों को पहले ही न्यायालय में चुनौती दी गयी है। निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं।
निर्वाचन आयुक्त अरुण गोयल के इस्तीफे और अनूप चंद्र पांडे की सेवानिवृत्ति के बाद निर्वाचन आयुक्तों के दो पद खाली हो गए हैं।
कांग्रेस नेता जया ठाकुर ने यह याचिका दायर की है। उन्होंने मुख्य निर्वाचन आयुक्त तथा अन्य निर्वाचन आयुक्त (नियुक्ति, सेवा शर्तें और कार्यकाल की शर्तें) अधिनियम, 2023 के प्रावधानों को चुनौती दी है।
ठाकुर ने अपनी याचिका में न्यायालय को बताया कि उनकी याचिका पर सुनवाई लंबित रहने के दौरान ‘निर्वाचन आयोग के एक सदस्य अरुण गोयल ने नौ मार्च 2024 को इस्तीफा दे दिया, जिसे राष्ट्रपति ने मंजूरी दे दी है।’ उन्होंने कहा कि उनकी याचिका पर 12 जनवरी को एक नोटिस जारी किया गया था।
याचिका में कहा गया है, ‘‘याचिकाकर्ता ने सम्मानपूर्वक कहा है कि तथ्यों के मद्देनजर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए तारीखों की घोषणा जल्द ही की जा सकती है इसलिए नए निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति की तत्काल आवश्यकता है, जिसके लिए इस अदालत ने नियुक्ति प्रक्रिया के बारे में ‘अनूप बरनवाल बनाम केंद्र सरकार’ (दो मार्च 2023 के फैसले) मामले में स्पष्ट निर्णय दिया है।’’
इसमें कहा गया है, ‘‘इसलिए इस अदालत से अनूप बरनवाल बनाम केंद्र सरकार के मामले में पारित फैसले के अनुसार प्रतिवादियों को भारत के निर्वाचन आयोग के सदस्यों की तत्काल नियुक्ति करने का निर्देश देने का अनुरोध किया जाता है।’’
नए कानून के अनुसार, ‘‘राष्ट्रपति एक चयन समिति की सिफारिश पर मुख्य निर्वाचन आयुक्त और अन्य निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्त करेंगे। इस समिति में प्रधानमंत्री (अध्यक्ष), लोकसभा में विपक्ष के नेता (सदस्य) और प्रधानमंत्री द्वारा नामित एक केंद्रीय मंत्री (सदस्य) होंगे।’’
विपक्ष ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की सरकार पर चयन समिति से भारत के प्रधान न्यायाधीश को हटाकर उच्चतम न्यायालय की अवमानना करने का आरोप लगाया है।
उच्चतम न्यायालय ने मार्च 2023 में दिए अपने आदेश में कहा था कि प्रधानमंत्री, लोकसभा में विपक्ष के नेता और प्रधान न्यायाधीश की एक समिति मुख्य निर्वाचन आयुक्त और निर्वाचन आयुक्तों की नियुक्ति करेगी।