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कोरोना वायरस: पैरोल पर कैदियों की रिहाई के लिए हो पैनल का गठन, सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को निर्देश

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनज़र अब कैदियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को...
कोरोना वायरस: पैरोल पर कैदियों की रिहाई के लिए हो पैनल का गठन, सुप्रीम कोर्ट का राज्यों को निर्देश

कोरोना वायरस के प्रकोप के मद्देनज़र अब कैदियों की रिहाई को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने राज्य सरकारों को निर्देश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को सभी राज्य सरकारों और केंद्र शासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे कैदियों के वर्ग को निर्धारित करने के लिए उच्च स्तरीय समितियों का गठन करें, जिससे उन्हें सुरक्षा के मद्देनजर चार से छह सप्ताह के लिए पैरोल पर रिहा किया जा सके।

शीर्ष अदालत ने कहा, जेलों से भीड़ को कम करने के लिए सात साल तक की जेल की सजा वाले अपराधों के लिए दोषी ठहराए गए या आरोपित कैदियों को पैरोल दी जा सकती है। मुख्य न्यायाधीश एस ए बोबडे की अध्यक्षता वाली पीठ ने कहा कि उच्च-स्तरीय समितियां कैदियों की रिहाई के लिए राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण के परामर्श से काम करेंगी। अदालत ने यह स्पष्ट किया कि, प्रकोप को देखते हुए जेलों में भीड़ से बचने के प्रयास में कैदियों को रिहा किया जाना चाहिए।

दिल्ली हाईकोर्ट में भी कामकाज बंद

दिल्ली हाईकोर्ट ने सोमवार को कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर अपने कामकाज के साथ-साथ जिला अदालतों को भी 4 अप्रैल तक के लिए स्थगित कर दिया। अत्यधिक तात्कालिकता के मामलों का उल्लेख रजिस्ट्रार या संयुक्त रजिस्ट्रार के सामने टेलीफोन पर करना होगा और सुनवाई वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से होगी। मुख्य न्यायाधीश डी एन पटेल की अध्यक्षता वाली आठ-न्यायाधीश समिति द्वारा लिए गए फैसले का उच्च न्यायालय के रजिस्ट्रार जनरल द्वारा जारी अधिसूचना में प्रेषित किया गया।

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