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निर्भया केस में डेथ वारंट पर सुनवाई 7 जनवरी तक टली, पीड़िता की मां बोलीं- सिर्फ दोषियों के अधिकारों को देख रहा कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। अब इस...
निर्भया केस में डेथ वारंट पर सुनवाई 7 जनवरी तक टली, पीड़िता की मां बोलीं- सिर्फ दोषियों के अधिकारों को देख रहा कोर्ट

सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया गैंगरेप के गुनाहगार अक्षय ठाकुर की पुनर्विचार याचिका को खारिज कर दिया। अब इस मामले में पटियाला हाउस कोर्ट में सुनवाई हुई। इस मामले में सभी दोषियों के खिलाफ पटियाला हाउस कोर्ट में डेथ वारंट जारी करने को लेकर फैसला होना था, जो आज नहीं हो पाया। इस दौरान कोर्ट ने तिहाड़ जेल प्रशासन को निर्देश दिया कि 2012 दिल्ली गैंगरेप केस के दोषियों को एक नया नोटिस जारी करें, जिससे अगर वो दया याचिका दाखिल करना चाहते हैं तो कर सकें। इसके साथ ही अगली सुनवाई अब 7 जनवरी 2020 को होगी। ऐसे में दोषियों को अब 20 दिन को मोहलत और मिल गई है। बता दें कि निर्भया की मां आशा देवी ने दोषियों को जल्द से जल्द फांसी देने की मांग की है।

इस सुनवाई से पहले आज सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय के वकील एपी सिंह की ओर से तमाम दलील सुनने के बाद अक्षय की पुनर्विचार याचिका खारिज कर दी यानी सुप्रीम कोर्ट ने अक्षय की सजा को बरकरार रखा है।

सिर्फ दोषियों के अधिकारों को देख रहा कोर्ट

डेथ वारंट पर पटियाला कोर्ट के फैसला टालने के बाद पीड़िता की मां आशा देवी ने कहा कि कोर्ट केवल दोषियों के अधिकारों को देख रहा है, हमारे नहीं। इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि सुनवाई की अगली तारीख पर फैसला दिया जाएगा।

सुनवाई के दौरान जज ने क्या कहा

पटियाला हाउस कोर्ट के जज ने कहा कि मेरे ख्याल से दया याचिका खारिज होने के बाद मुझे डेथ वारंट जारी करना चाहिए। मेरे पास मामला एक साल से लंबित है। दोषियों ने अब तक सब कानूनी विकल्प इस्तेमाल नहीं किए हैं। जज ने कहा कि मुकेश के लिए कोई नहीं आया है। उसने मुझे वीडियो कांफ्रेंसिंग में बताया था कि एम एल शर्मा उसके वकील हैं। कम से कम उसको कोई वकील मिलना चाहिए।

निर्भया की मां से बोला कोर्ट आपके साथ पूरी सहानुभूति

दिल्ली कोर्ट ने निर्भया की मां को कहा कि आपके साथ पूरी सहानुभूति है। हम जानते हैं किसी की जान चली गई है, लेकिन दोषियों के भी अधिकार हैं। हम आपको सुनने के लिए बैठे हैं लेकिन हम भी कानून से बंधे हैं। पीड़ित पक्ष के वकील ने कहा कि फांसी के आदेश में कोई दिक्कत नहीं है। 14 दिन की सीमा के पार तारीख तय करें। दोषियों के पास जो विकल्प हैं, वह उसका इस्तेमाल कर सकते हैं।

पिछले दिनों वकील ने दी थी ये दलील

सरकारी वकील ने कोर्ट में दलील दी थी कि दया याचिका के लंबित होने से या फिर दोषियों के दया याचिका दाखिल करने की संभावना कोर्ट को डेथ वॉरंट जारी करने से नहीं रोकती है।

इसके पहले 13 दिसंबर को डेथ वारंट से जुड़ी याचिका पर पटियाला कोर्ट में सुनवाई हुई थी। तब न्यायाधीश ने कहा, ‘जब तक पुनर्विचार याचिका लंबित है तब तक हमें इंतजार करना होगा।’ अब सुप्रीम कोर्ट ने निर्भया के दोषियों में अक्षय कुमार सिंह की पुनर्विचार याचिका भी खारिज कर दी है।

13 दिसंबर की सुनवाई में फांसी की सजा पर अमल करने वाला वारंट जारी करने की मांग करने वाली अपील पर अदालत ने कहा, ‘अदालत मौत की सजा पर अमल करने वाला वारंट जारी कर सकती है। अदालत को ‘डेथ वारंट’ जारी करने से नहीं रोका जा सकता। सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल नौ जुलाई को तीन दोषियों-मुकेश, पवन गुप्ता और विनय शर्मा की पुनर्विचार खारिज करते हुए कहा था कि 2017 के उसके फैसले पर फिर से विचार करने का कोई आधार नहीं है।

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