कर्नाटक में एआईएमआईएम नेता असदुद्दीन ओवैसी के मंच पर 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाने वाली अमूल्या को कोर्ट से राहत नहीं मिली। अदालत ने अमूल्या की न्यायिक हिरासत 5 मार्च तक बढ़ा दी है। बीती 20 फरवरी को ओवैसी की रैली में आपत्तिजनक नारे लगाने के बाद अमूल्या के खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए के तहत मामला दर्ज किया गया था और उसे 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था।
अमूल्या ओवैसी की नागरिकता संशोधन कानून के खिलाफ आयोजित रैली में भाषण देने के लिए मंच पर आई थीं। अपने भाषण की शुरुआत में ही अमूल्या ने तीन बार पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए।
उस दौरान ओवैसी मंच पर ही मौजूद थे। अमूल्या के नारे सुनने के बाद वह भी उनसे माइक छीनने के लिए दौड़ पड़े। हालांकि, अमूल्या ने बाद में अपने नारे लगाने का मतलब स्पष्ट करने का प्रयास किया था लेकिन मंच से ही पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया।
पिता ने बयान पर जताई थी नाराजगी
अमूल्या के बयान की उनके पिता ने भी आलोचना की थी। अमूल्या की नारेबाजी पर उसके पिता ने नाराजगी जताते हुए कहा था कि अमूल्या ने जो कहा, उसे बर्दाश्त नहीं करूंगा। अमूल्या के पिता ने कहा कि उनकी बेटी ने सीएए विरोधी रैली में जो किया, वह बिल्कुल गलत था। उसे बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि मैंने कई बार उससे कहा कि वे ऐसे आंदोलनों न जुड़ें, उसने नहीं सुना। मैंने उसे कई बार भड़काऊ बयान देने से मना किया, मगर उसने नहीं सुना।
कौन है अमूल्या
गौरतलब है कि अमूल्या बेंगलुरू के एनएमकेआरवी महिला कॉलेज की छात्रा हैं। वह बेंगलुरू रिकॉर्डिंग कंपनी में ट्रांसलेटर के तौर पर काम भी कर चुकी हैं। लियोना ब्लॉगिंग भी करती हैं और उनका 'अलनोरोन्हा' के नाम से अलग फेसबुक पेज भी है। अमूल्या उस दौरान भी चर्चा में आई थी जब जनवरी में मंगलुरू एयरपोर्ट पर पोस्टकार्ड न्यूज के को-फाउंडर महेश विक्रम हेगड़े को कुछ महिला एक्टिविस्ट ने 'वंदे मातरम्' गाने की मांग की थी। उस ग्रुप में अमूल्या लियोना भी थी।