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दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: गुरु रविदास जयंती पर 12 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित, एलजी ने जारी किया आदेश

दिल्ली उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने एक आदेश जारी कर 12 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। सामान्य...
दिल्ली सरकार का बड़ा फैसला: गुरु रविदास जयंती पर 12 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश घोषित, एलजी ने जारी किया आदेश

दिल्ली उपराज्यपाल विनय सक्सेना ने एक आदेश जारी कर 12 फरवरी को सार्वजनिक अवकाश की घोषणा की है। सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा जारी अधिसूचना में कहा गया है कि बुधवार यानी 12 फरवरी 2025 को गुरु रविदास जयंती के अवसर पर दिल्ली सरकार के सभी सरकारी कार्यालयों, स्वायत्त निकायों और सार्वजनिक उपक्रमों में अवकाश रहेगा।

नए आदेश में कहा गया है कि नवंबर 2024 में गुरु रविदास जयंती के अवसर पर घोषित प्रतिबंधित अवकाश को रद्द कर दिया गया है।

कौन थे संत रविदास?

गुरु रविदास संत भक्ति आंदोलन के लोकप्रिय संत थे। उनका जन्म बनारस में हुआ था उनका नाम मध्ययुगीन साधकों में दर्ज है। संत रविदास रैदास के नाम से भी लोकप्रिय हैं। अधिकांश लोग उन्हें रैदास के नाम से ही जानते हैं। रविदास पेशे से मोची थे। रैदास रामानंद की संत परंपरा से जुड़े संत हैं। संत रामानंद के 12 शिष्यों में रैदास प्रमुख माने जाते हैं।

संत रविदास ने जात-पात और ऊंच-नीच के भाव को समाप्त करने की दिशा में काम किया था। वह सभी को बिना भेदभाव के सद्भाव और भाईचारे के साथ रहने की शिक्षा देते थे। ताकि भेदभाव रहित समाज का निर्माण हो सके।

रविदास की शिष्या थी 'मीराबाई'

संत रविदास के अनुसार, "जीवन में ईश्वर की भक्ति का अवसर भाग्य से प्राप्त होता है। भक्तिभाव से काम करने वाला व्यक्ति जीवन में सफल रहता है। हर इंसान को अभिमान तथा खुद को बड़ा समझने का भाव त्याग कर सभी से सहज और समान आचरण करना चाहिए।" उनकी वाणी का लोगों पर इतना असर था कि समाज के सभी वर्गों के लोग उनके श्रद्धालु बन गए। मीराबाई भी उनकी भक्ति-भावना से बहुत प्रभावित हुईं और उनकी शिष्या बन गईं।

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