कोविड-19 के संबंध में सभी राज्यों को नई गाइडलाइन जारी कर दी गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि देश के जिलों को 3 जोन हॉटस्पॉट, नॉन-हॉटस्पॉट और ग्रीन जोन में बांटा जाएगा। उन्होंने ये जानकारी बुधवार को अपने दैनिक प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी। लव अग्रवाल ने कहा कि कैबिनेट सेक्रेटरी ने सभी राज्यों के चीफ सेक्रेटरी, डीजीपी, स्वास्थ्य सेक्रेटरी, डीएम, एसपी, नगर आयुक्त और सीएमओ के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से हॉटस्पॉट्स और आगे की रणनीति और इसके क्रियान्वयन को लेकर चर्चा की। लव अग्रवाल ने कहा कि अभी हॉटस्पॉट जोन में 170 जिले हैं। जबकि नॉन-हॉटस्पॉट जोन में 207 जिले हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक इस वक्त देश में कोरोना के कुल 11,439 मामलों की पुष्टि हो चुकी है जबकि 377 लोगों की मौत हो गई है। मंत्रालय के मुताबिक पिछले 24 घंटे में कोरोना के 1,076 नए मामले आए हैं।
इस तरह से जिलो को बांटा गया
संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि अभी हॉटस्पॉट जोन में 170 जिले हैं। जबकि नॉन-हॉटस्पॉट जोन में 207 जिले हैं। नॉन-हॉटस्पॉट जिला में उन जिलो को शामिल किया जाएगा जहां मामले कम आ रहे हैं, लेकिन मामलों की सूचना आ रही है। बाकी जिलो को ग्रीन जोन में रखा गया है। जो हॉटस्पॉट क्षेत्र नहीं है उनमें कुछ गतिविधियों में राहत दी जाएगी। कुछ क्षेत्रों में 20 अप्रैल से छूट दी जाएगी। इन क्षेत्रों में सोशल डिस्टेंसिंग के साथ छूट दी जाएगी।
अभी तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं: लव अग्रवाल
लव अग्रवाल ने कहा कि भारत में अभी तक कम्युनिटी ट्रांसमिशन नहीं हुआ है। विभाग द्वारा विशेष टीमों का गठन किया जाएगा जो नए कोविड-19 मामलों की खोज करेंगी और नमूने एकत्रित किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि आवश्यक सेवाओं से संबंधित लोगों को छोड़कर अन्य किसी को भी कंटेनमेंट जोन में किसी भी तरह की कोई गतिविधि करने की अनुमति नहीं दी जाएगी।
चमगादड़ से पैंगोलिन और फिर मनुष्य में वायरस की संभावना: आईसीएमआर
इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने कहा कि चीन में हुए शोध के अनुसार, यह पाया गया कि चमगादड़ों में हुए परिवर्तन की वजह से कोरोनो वायरस की उत्पत्ति हो सकती है। चमगादड़ ने इसे पैंगोलिन में स्थानांतरित किया और पैंगोलिन से मनुष्यों में स्थानांतरित किया गया। ऐसा हो सकता है।
कोविड के लिए विशेष अस्पताल बनाने को कहा गया
लव अग्रवाल ने कहा कि राज्यों को कोविड के लिए विशेष अस्पताल बनाने को कहा गया है। जिन राज्यों के जिलों से कोई मामले अब तक नहीं आएं हैं, उनमें कोई मामले नहीं आएं, इसके लिए केंद्र और राज्य लगातार प्रयास कर रही है। हर केस को मॉनिटर किया जा रहा है।