कर्नाटक में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इस एफआईआर को वापस लेने की मांग को लेकर राज्य के प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष डीके शिवकुमार ने मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा को चिट्ठी लिखी है। ये चिट्ठी शिवकुमार ने सीएम येदियुरप्पा, राज्य के गृह मंत्री, पुलिस महानिदेशक और शिवमोगा के पुलिस अधीक्षक को लिखी है। उन्होंने मांग की है कि इस एफआईआर को वापस लिया जाए और प्राथमिकी दर्ज करने वाले अधिकारी पर कार्रवाई की जाए।
राजनीतिक मकसद से दर्ज हुई है एफअाईआर: डीके शिवकुमार
कांग्रेस नेता डीके शिवकुमार ने कहा कि शिवमोगा जिले के सागर में भाजपा कार्यकर्ता और वकील केवी प्रवीण कुमार की शिकायत पर कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई है। उन्होंने आरोप लगाते हुए कहा कि यह शिकायत शिकायतकर्ता ने राजनीतिक मकसद से दर्ज कराई है जिसमें कहा गया है कि सोनिया गांधी ने पीएम केयर्स फंड को लेकर विवादास्पद ट्वीट किया है।
'फंड का लोगों के कल्याण में इस्तेमाल के लिए किया गया ट्वीट'
शिवकुमार ने कहा कि एक सांसद और कांग्रेस अध्यक्ष होने के नाते सोनिया गांधी ने प्रधानमंत्री को देश के लोगों के कल्याण के लिए फंड का उपयोग करने के इरादे से ट्वीट किया था। उन्होंने यह भी कहा कि सागर पुलिस द्वारा सोनिया गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर स्वस्थ आलोचना करने के अधिकार को छीनने के इरादे से कानून का दुरुपयोग किया गया है।
'कांग्रेस लोगों को भड़काने की कर रही कोशिश'
प्रवीण केवी द्वारा की गई शिकायत में आरोप लगाया गया है कि कांग्रेस पार्टी ने ट्वीट के माध्यम से केंद्र सरकार और पीएम मोदी के खिलाफ विवादास्पद बयान दिए हैं और लोगों को सरकार के खिलाफ भड़काने की कोशिश की है। शिकायतकर्ता ने अपने एफआईआर में कहा है कि कांग्रेस पार्टी ने 11 मई को पीएम केयर्स फंड के गलत इस्तेमाल का दावा करते हुए ट्वीट के जरिए भारत सरकार पर आरोप लगाए हैं जो झूठ और बेबुनियाद है।
इन धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज
कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी पर भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 153 (दंगा भड़काने के इरादे से भड़काऊ बयान देना) और 505 (सार्वजनिक उपद्रव के लिए जिम्मेदार बयान) के तहत एफआईआर दर्ज किया गया है। एफआईआर में सोनिया गांधी को सोशल मीडिया अकाउंट की संचालक बताया गया है।