कर्नाटक के एक आईएएस अफसर शशिकांत सेंथिल ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। दक्षिण कन्नड़ जिले में डिप्टी कमिश्नर के पद पर तैनात सेंथिल ने कहा कि अनैतिक तरीके से लोकतंत्र के सभी संस्थानों को दबाया जा रहा है, ऐसे में वो सिविल सर्विस में रहना नहीं चाहते हैं। शशिकांत का इस्तीफा ऐसे समय पर आया है, जब कुछ दिन पहले ही आईएएस कन्नन गोपीनाथन ने भी अपने पद से इस्तीफा दिया था।
हालांकि सेंथिल ने कहा कि यह एक व्यक्तिगत निर्णय है। उन्होंने 'दोस्तों' को लिखे पत्र में कहा कि जब अनैतिक तरीके से लोकतंत्र के सभी संस्थानों को दबाया जा रहा है ऐसे में सरकार में एक सिविल सेवक के तौर पर बने रहना उनके लिए अनैतिक है। उन्होंने कहा कि इस्तीफा किसी भी प्रकार से किसी घटना या किसी व्यक्ति विशेष से जुड़ा नहीं है।
पत्र में कहा गया है कि डीके (दक्षिण कन्नड़) के लोग और जन प्रतिनिधि मेरे प्रति बेहद दयालु हैं और मैंने उनसे बीच रास्ते में काम को बंद करने के लिए उनसे माफी मांगी है।
सेंथिल ने यह भी कहा कि उन्हें लगता है कि आने वाले दिन राष्ट्र के मूल ताने-बाने के लिए बेहद कठिन चुनौतियां पेश करेंगे और सभी के लिए जीवन को बेहतर बनाने के लिए आईएएस से बाहर रहना बेहतर होगा।
कौन है सेंथिल?
सेंथिल तमिलनाडु के 2009 बैच के भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारी हैं। उन्हें 2017 में दक्षिण कन्नड़ का डिप्टी कमिश्नर बनाया गया था। उन्होंने इससे पहले चिचूर सहित राज्य के अन्य हिस्सों में डिप्टी कमिश्नर के रूप में काम किया था। डिप्टी कमिश्नर का पद देश के कुछ अन्य हिस्सों में जिला कलेक्टर के रूप में जाना जाता है।
सेंथिल से पहले इन अफसरों ने भी दिया था इस्तीफा
पिछले महीने एक अन्य आईएएस अधिकारी, कन्नन गोपीनाथन ने जम्मू-कश्मीर में लगाए गए प्रतिबंधों के कारण सेवा से इस्तीफा दे दिया था। गोपीनाथन ने दादरा और नगर हवेली प्रशासन में बिजली, शहरी विकास और कृषि विभागों के सचिव का पद संभाला था।
वहीं जनवरी में सिविल सेवा परीक्षा (2010) में टॉप करने वाले शाह फैसल ने कश्मीर में कथित हत्याओं और इन मामलों में केंद्र की ओर से गंभीर प्रयास नहीं करने का आरोप लगाते हुए इस्तीफा दे दिया था। बाद में उन्होंने एक राजनीतिक पार्टी जेएंडके पीपल्स मूवमेंट का गठन किया।