अबु धाबी में ऑर्गेनाइजेशन ऑफ इस्लामिक को-ऑपरेशन (ओआईसी) की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आतंकवाद पर जोरदार प्रहार किया। इस दौरान सुषमा ने कहा कि हमारी लड़ाई आतंकवाद के खिलाफ है, किसी धर्म के खिलाफ नहीं। इससे पूरी दुनिया संकट में है। ओआईसी की बैठक में 56 देशों के विदेश मंत्री शामिल हुए। भारत की विदेश मंत्री सुषमा स्वराज को बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर आमंत्रित किया गया।
सुषमा स्वराज ने कहा कि आतंकवाद को पनाह और फंडिंग बंद होना चाहिए। उन्होंने कहा कि आतंकवाद पूरी दुनिया के लिए खतरा है। विदेशमंत्री सुषमा स्वराज ने कहा, "एक महान धर्म और प्राचीन सभ्यताओं का प्रतिनिधित्व करने वाले मुल्कों से आए साथियों के बीच आकर सम्मानित महसूस कर रही हूं... मैं उस देश की प्रतिनिधि हूं, जो ज्ञान का भंडार रहा है, शांति का दूत रहा है, आस्था व परम्पराओं का स्रोत रहा है, बहुत-से धर्मों का घर रहा है और दुनिया की बड़ी अर्थव्यवस्थाओं में से एक है..." उन्होंने कहा कि ओआईसी के सदस्य संयुक्त राष्ट्र के एक-चौथाई हैं, और लगभग एक-चौथाई मानवता का प्रतिनिधित्व करते हैं। भारत का आपसे बहुत कुछ साझा है, और हममें से बहुत से उपनिवेशवाद के काले दिन भुगते हैं।" विदेश मंत्री ने कहा कि भारत विविधताओं से भरा देश है... भारत में हर धर्म के लोग हैं, सभी धर्म और संस्कृतियों का सम्मान किया जाता है।
पाकिस्तान की कुर्सी खाली
ओआईसी की बैठक में भारतीय विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के शामिल होने की वजह से पाकिस्तान ने बैठक में भाग लेने से इनकार कर दिया था। पाकिस्तान ने मांग की थी कि इस मीटिंग से भारत को बाहर किया जाए, हालांकि ओआईसी बैठक की अध्यक्षता करे अबुधाबी ने पाकिस्तान की इस दलील को मानने से इनकार कर दिया। लिहाजा ओआईसी की बैठक में पाकिस्तान की सीट आज खाली रही।
पाक के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने गुरुवार को कहा था कि अगर सुषमा इस बैठक में शामिल होंगी तो वे इस मीटिंग से बॉयकॉट करेंगे।
क्यों है खास?
ओआईसी के विदेश मंत्रियों की इस बैठक का यह 46वां सत्र है। इस्लामिक सहयोग संगठन 57 देशों का प्रभावशाली समूह है। इसमें पहली बार भारतीय मंत्री को बतौर गेस्ट ऑफ ऑनर बुलाया गया है।
भारत-पाकिस्तान तकरार के बीच ओआईसी का न्योता
भारत को 57 इस्लामिक देशों के समूह ने पहली बार अपनी बैठक में आमंत्रित किया है। सुषमा स्वराज को विशिष्ट अतिथि के रूप में आमंत्रित किया गया है। भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव की पृष्ठभूमि में भारत और ओआईसी के बीच यह नया संबंध स्थापित हो रहा है। मंगलवार को बालाकोट में जैश-ए-मोहम्मद के सबसे बड़े शिविर पर भारत के हवाई हमले के बाद दोनों देशों के बीच संबंध और तनावपूर्ण हुए हैं। वहीं पाकिस्तान ने बुधवार को जवाबी कार्रवाई की। पाकिस्तान में आतंकवादी शिविरों पर हमले के बाद इस्लामाबाद ने प्रयास किया था कि ओआईसीके लिए स्वराज का आमंत्रण रद्द हो जाए।