भूकंप की त्रासदी से उबरने में जुटे नेपाल को आज फिर भूकंप ने हिलाकर रख दिया। मंगलवार को भूकंप के कई झटकों से 42 से ज्यादा लोगों के मरने और एक हजार से ज्यादा लोगों के घायल होने की खबर है। ये झटके उत्तर भारत के कई हिस्सों में भी महसूस किए गए। जान-माल को सर्वाधिक नुकसान बिहार में हुआ है जहां कम से कम 18 लोग मरे हैं। दोपहर करीब 12.35 बजे राजधानी दिल्ली और आसपास के इलाकों में लोगों ने भूकंप के काफी तेज झटके महसूस किए। दहशत में लोग दफ्तर, घर और दुकानों से बाहर निकलकर सड़कों पर जमा हो गए। इस दौरान दिल्ली मेट्रो को कुछ देर के लिए रोकना पड़ा। भूकंप का असर अफगानिस्तान, पाकिस्तान से लेकर समूचे उत्तर भारत और बांग्लादेश तक था।
बिहार के विभिन्न जिलों से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, भूकंप के चलते कम से कम 18 लोगों की मौत हो गई। दरभंगा में दो लोगों के मरने तथा मुंगेर, समस्तीपुर व भागलपुर जिले में 17 व्यक्ति के घायल होने की जानकारी मिली है। दरभंगा जिला के विश्वविद्यालय थाना अंतर्गत जिला पब्लिक स्कूल के करीब एक दर्जन छात्रा के भूकंप के दौरान भगदड़ की वजह से घायल हो गए।
अमेरिकी भू-गर्भ एजेंसी ने मंगलवार को आए भूकंप की तीव्रता 7.3 और इसका केंद्र नेपाल-चीन सीमा के पास झाम नामक जगह के पास बताया है। यह जगह काठमांडू के पूर्व में करीब 83 किलोमीटर दूर और माउंट एवरेस्ट के काफी नजदीक है। भूकंप का केंद्र जमीन से करीब 15 किलाेमीटर नीचे था। नेपाल में करीब डेढ़ घंटे के अंदर भूकंप के छह झटके महसूस किए गए। पहले घटके के करीब आधे घंटे बाद 6.3 तीव्रता का एक दूसरा झटका आया। उधर, अफगानिस्तान में भूकंप की तीव्रता 6.9 मापी गई है।
भूकंप के मद्देनजर केंद्र सरकार ने आपदा प्रबंधन से जुड़ी एजेंसियों को अलर्ट कर दिया है। गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने पत्रकारों को बताया कि विभिन्न राज्यों से भूकंप के बारे में जानकारी प्राप्त की जा रही है। उन्होंने लोगों से दहशत ना फैलाने की अपील की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उच्च स्तरीय बैठक बुलाकर आपात तैयारियों का जायजा लिया।