भारतीय विशिष्ट पहचान प्राधिकरण (यूआईडीएआई) के पूर्व चेयरमैन नीलेकणि ने कहा, हमें कुछ करने की जरूरत होगी और अपनी शिक्षा प्रणाली को अधिक नवोन्मेषी तथा सृजनात्मक बनाना होगा, क्योंकि आज जो नौकरियां हैं उनमें से काफी भविष्य में नहीं होंगी। कई नई नौकरियों का सृजन होगा। नीलेकणि ने कहा कि ऐसे में लोगों को जीवनभर कुछ सीखने के लिए तैयार रहना होगा और अपने कामकाज के करियर में हमेशा नए विचारों तथा कौशल को सीखना होगा। उन्होंने कहा, ऐसे में मौजूदा शिक्षा प्रणाली में पूर्ण रूप से नए मॉडल के हिसाब से बदलाव लाना होगा।
हैदराबाद में आयोजित एक कार्यक्रम में नीलेकणी ने कहा कि ऑटोमेशन, मशीन के बारे में जानकारी, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस आदि सॉफ्टवेयर और बिजनेस प्रोसेस आउटसोर्सिंग क्षेत्रों में देखने को मिल रहा है। कुछ हलकों से हो रही ऐसी आलोचनाओं पर कि भारत की 7-8 प्रतिशत की वृद्धि दर के बावजूद रोजगार नहीं बढ़ रहा है, नीलेकणि ने कहा कि यदि आप घरेलू सेवाओं पर ध्यान केंद्रित करें और प्लेटफॉर्म एकीकरण को प्रोत्साहन दें तो रोजगार का सृजन हो सकता हैं। उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि ओला जैसी कंपनियों में कुछ हजार ड्राइवर उद्यमी पैदा करने की क्षमता है।