इस संदर्भ में चुनाव आयोग ने सभी राजनीतिक दलों को एक पत्र लिखा है। आयोग ने अपने पत्र में निर्देश दिए हैं कि सभी पार्टी और उनके नेता मॉडल कोड ऑफ कंडक्ट का ध्यान रखें। साथ ही आयोग ने नेताओं को धर्म को आधार बनाकर ऐसे बयानों से बचने के निर्देश दिए जो धार्मिक आधार पर समाज को बांटते हों।
चुनाव आयोग ने अपने पत्र में सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश का भी जिक्र किया जिसमें धर्म के आधार वोट न मांगने की बात कही गई थी. बता दें कि पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट ने टिप्पणी की थी कि नेता धर्म के आधार पर वोट न मांगे।
चुनाव आयोग ने कहा भाषणों पर संयम बरतने के दिशा-निर्देश पहले भी दिए गए लेकिन उनका सही तरीके से पालन नहीं हुआ। आयोग ने नाराजगी जताई कि एडवाइजरी जारी होने के बाद भी भड़काऊ भाषण दिए गए। चुनाव आयोग ने ये भी कहा कि जिन राज्यों में चुनाव नहीं हैं वहां भी ऐसे बयानों से बचा जाए। चुनाव आयोग का मानना है कि मीडिया और सोशल मीडिया के जरिए ऐसे बयान चुनाव वाले राज्य की जनता तक पहुंच जाते हैं जो वोटर्स को प्रभावित करते हैं।
बता दें कि चुनाव आयोग का ये आदेश उस वक्त आया है जब यूपी विधानसभा चुनाव में प्रचार जोर-शोर से चल रहा है और अभी तीन चरण का मतदान बाकी है।