मोदी सरकार की ओर से तीन कृषि कानूनों की वापसी की घोषणा के बाद आंदोलन कर रहे किसानों ने आंदोलन वापसी को लेकर अभी कोई फैसला नहीं लिया है। आज बताया गया कि संयुक्त किसान मोर्चा 27 नवंबर को भविष्य की कार्रवाई तय करने के लिए बैठक करेगा।
किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल ने कहा, "हमने मीटिंग में तय किया है कि जो कार्यक्रम संयुक्त किसान मोर्चा ने पहले तय किए थे वे आगे भी जारी रहेंगे। 27 तारीख को फिर से संयुक्त किसान मोर्चा की मीटिंग होगी। जो मांगे बाकी रह गई है उसके बारे में प्रधानमंत्री को पत्र लिखा जाएगा। "
इससे पहले भारतीय किसान यूनियन (भाकियू) नेता राकेश टिकैत ने कहा कि आंदोलन तत्काल वापस नहीं होगा, हम उस दिन का इंतजार करेंगे जब कृषि कानूनों को संसद में रद्द किया जाएगा। उन्होंने कहा कि सरकार एमएसपी के साथ-साथ किसानों के दूसरे मुद्दों पर भी बातचीत करें।
गौरतलब है कि पीएम नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को राष्ट्र को संबोधित किया। इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि आज वे सभी को बताना चाहते हैं कि हमने तीनों कृषि कानून को निरस्त करने का फ़ैसला किया है। उन्होंने कहा है कि उनकी सरकार तीनों कृषि कानून बिल को वापस लेगी और आगामी संसद सत्र में इस बारे में जरूरी प्रक्रिया पूरी का जाएगी। पीएम ने कहा, " आज मैं आपको और पूरे देश को बताने आया हूं कि हमने तीनों कृषि क़ानूनों को रद्द करने का फ़ैसला किया है। मैं सभी आंदोलन किसान साथियों से आग्रह कर रहा हूं कि अब आप अपने-अपने घर और खेतों की तरफ़ लौटें।"