बीकेयू का कहना है कि अन्ना के साथ अन्ना समर्थक हैं न कि किसान और अन्ना कुछ एनजीओ के प्रभाव में हैं। बीकेयू प्रवक्ता धर्मेद्र मलिक का कहना है कि बीकेयू ने तो इस भूमि ग्रहण अध्यादेश के आते ही इसका विरोध शुरू कर दिया था और 18 मार्च को दिल्ली में धरना प्रदर्शन करने का एलान भी किया।
मलिक के अनुसार इसपर कुछ अन्ना समर्थकों ने उनसे बात की थी कि वे भी इसमें शामिल होना चाहते हैं। लेकिन फिर उन्होंने कहा कि अन्ना चाहते हैं कि धरना 18 मार्च की बजाय 24 फरवरी को हो।
मलिक के अनुसार इसके लिए बीकेयू राजी नहीं था। इसके पीछे बीकेयू ने अन्ना समर्थकों को तर्क दिए कि फरवरी में किसान व्यस्त रहेंगे, मौसम भी ठंडा होगा और बीकेयू दिल्ली में रात को रुकने की व्यवस्था नहीं कर पाएगी।
तीसरी बात कि व्यस्तता के चलते बीकेयू नहीं चाहती कि आंदोलन में किसान कम तादाद में आएं। लेकिन अन्ना समर्थकों ने अपनी सुविधा अनुसार आंदोलन शुरू कर दिया। मलिक का कहना है कि हमारा मकसद राजनीति करना नहीं है। हम 18 तारीख को अपनी तयशुदा तारीख पर धरना देंगे।