नए कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों के प्रदरशन का आज यानी रविवार को 18वां दिन है। किसान संगठन और केंद्र के बीच कई दौर की बातचीत हो चुकी है, लेकिन ये बेनतीजा रहा है। गृह मंत्री अमित शाह और तेरह किसान नेताओं के साथ हुई बैठक के बाद भी कोई हल नहीं निकला है। आज किसान-संगठनों ने दिल्ली-जयपुर हाइवे जाम करने का ऐलान किया है। किसान संगठन तीनों कृषि कानून को वापस लेने की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि सरकार संशोधन की बात कह रही है।
इस बीच किसान नेताओं ने ऐलान किया है कि हमने आंदोलन को और तेज करने का फैसला लिया है। उन्होंने कहा है कि वो 14 दिसंबर को भूख हड़ताल करेंगे। साथ में संगठनों ने आरोप लगाया है कि केंद्र हमारे आंदोलन को विफल करना चाहता है, लेकिन हम शांतिपूर्वक आंदोलन जारी रखेंगे। रविवार को राजस्थान बॉर्डर से हजारों किसान ट्रैक्टर मार्च निकालेंगे और दिल्ली-जयपुर हाइवे को बंद करेंगे।
नए कृषि कानून के विरोध में हरियाणा, पंजाब समते कई राज्यों के किसान राजधानी दिल्ली में डटे हुए हैं। किसान नेता राकेश टिकैत का कहना है कि कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन में तेजी आती नजर आ रही है। एक तरफ जहां इस आंदोलन को धार देने के लिए राजस्थान के किसान भी सामने आते नजर आ रहे हैं तो वहीं सिंघु, टिकरी, चिल्ला और गाजीपुर बॉर्डर पर बैठे किसानों ने भी पूरी तैयारी कर रखी है।