ईद के मौके पर मंगलवार की सुबह राष्ट्रीय राजधानी में भारी तादाद में लोग मस्जिदों और ईदगाहों पर गए और नमाज अदा की। बड़ी संख्या में लोगों ने एेतिहासिक जामा मस्जिद, फतेहपुरी मस्जिद और शहर के सभी हिस्सों के प्रमुख मस्जिदों में नमाज अदा किया। इस मौके पर लोगों ने अपने घरों में जानवरों की बलि देकर कुर्बानी का फर्ज पूरा किया। लोग खासकर बच्चे अपने दोस्तों, पड़ोसियों और रिश्तेदारों के घर गए और बधाइयां दीं एवं उपहारों का आदान प्रदान किया। मस्जिदों और शहर के पुराने इलाकों में दिल्ली पुलिस द्वारा सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए थे। मौलवियों और समुदाय के नेताओं ने इस मौके पर उपदेश दिए। यह त्यौहार रमजान का महीना खत्म होने के करीब 70 दिनों बाद मनाया जाता है।
बकरीद के पावन अवसर पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लोगों को बधाई दी और कहा कि उम्मीद है कि यह त्यौहार शांति और भाईचारा पैदा करेगा। उन्होंने ट्वीट किया, ईद उल अजहा की बधाइयां। कामना करता हूं कि यह त्यौहार हमारे समाज में शांति और भाईचारे की भावना बढ़ाए। संकटग्रस्त कश्मीर में कर्फ्यू और टकराव ने ईद के त्यौहार का रंग फीका कर दिया। इस टकराव में दो युवकों की मौत हो गई। करीब दो सदियों में पहली बार श्रीनगर स्थित एेतिहासिक जामा मस्जिद में ईद की नमाज नहीं अदा की गई। इससे पहले यह विशाल मस्जिद 1821 में बंद की गई थी। इसी तरह, ईदगाह में ईद की नमाज नहीं अदा की गई हालांकि प्रशासन ने हजरत बल के आंशिक उपयोग की अनुमति दे दी थी। यह संभवत: पहली बार है कि राज्य में 1990 में आतंकवाद के पैर पसारने के बाद से ईद के दिन कर्फ्यू लगा रहा।
कश्मीर को छोड़कर पूरे देश में बकरीद पारंपरिक हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। बिहार, उत्तर प्रदेश, ओडिशा और झारखंड के कुछ इलाकों में पिछले दो दिनों से जारी बारिश के कारण लोगों को कई जगहों पर जलजमाव की समस्या का सामना करना पड़ा। बिहार की राजधानी पटना समेत कई शहरों में जलजमाव के कारण बकरीद की नमाज मस्जिदों में अदा की गई। बारिश के बावजूद लोगों के उत्साह में कोई कमी नहीं आई और पूरे उत्साह के साथ देश भर में कुर्बानी का यह त्यौहार मनाया गया। नमाज के दौरान दिल्ली समेत कई शहरों में इमामों ने देश में शांति, समृद्धि और विकास के लिए दुआएं मांगीं।