दरअसल, अंतरराष्ट्रीय स्तर के अंतरिक्ष वैज्ञानिक राव को इस साल की शुरुआत में दिल की बीमारी की वजह से अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जिन्होंने देर रात करीब 3 बजे अंतिम सांस ली। वहीं, इसरो के जनसंपर्क निदेशक देवीप्रसाद कार्णिक ने कहा कि राव ने रविवार देर रात करीब तीन बजे अंतिम सांस ली। कर्णिका ने बताया कि वह उम्र संबंधी बीमारियों से पीड़ित थे। राव के परिवार में उनकी पत्नी, एक बेटा और एक बेटी है।
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अंतरिक्ष वैज्ञानिक उडुपी रामचंद्र राव के देहावसान पर दु:ख जताया। पीएम ने ट्विटर पर लिखा कि भारत के अंतरिक्ष प्रोग्राम में राव का योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा।
Saddened by demise of renowned scientist, Professor UR Rao. His remarkable contribution to India's space programme will never be forgotten.
— Narendra Modi (@narendramodi) July 24, 2017
गौरतलब है कि राव को पूरे विश्व में उनके काम के लिए जाना जाता है। वे इसरो के कई सफल प्रक्षेपणों का हिस्सा रहे हैं। ‘आर्यभट्ट’ से ‘मंगल ग्रह’ के मिशन तक राव ने इसरो की कई परियोजनाओं पर काम किया है। यू आर राव के नेतृत्व में ही 1975 में पहले भारतीय उपग्रह 'आर्यभट्ट' से लेकर 20 से अधिक उपग्रहों को डिजाइन किया गया और सफलता पूर्वक प्रक्षेपित किया गया। इतना ही नहीं, राव ने भारत में प्रक्षेपास्त्र प्रौद्योगिकी का विकास भी तेज किया, जिस वजह से 1992 में एएसएलवी का सफल प्रक्षेपण किया गया।