पूर्व जनसंघ अध्यक्ष बलराज मधोक कुछ समय से बीमार चल रहे थे और एक महीने से एम्स में भर्ती थे जहां आज सुबह नौ बजे उन्होंने अंतिम सांसें लीं। वह 96 वर्ष के थे। सोमवार की शाम को दिल्ली में ही उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दो बार सांसद रहे मधोक ने 1961 और 1967 में क्रमश: दिल्ली एनसीटी और दक्षिण दिल्ली का दूसरी और चौथी लोकसभा में प्रतिनिधित्व किया था। जम्मू-कश्मीर के स्काद्रू इलाके में 25 फरवरी 1920 को जन्मे मधोक अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद् (एबीवीपी) के संस्थापक सचिव थे। वह 1951 में भारतीय जनसंघ के प्रथम समन्वयक बने और उन्हें राष्ट्रीय सचिव नियुक्त किया गया। वर्ष 1966 में उन्हें भारतीय जनसंघ का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया। मधोक नई दिल्ली के पीजीडीएवी कॉलेज में इतिहास विभाग में शिक्षक थे और 1947-48 में उन्होंने आर्गेनाइजर तथा 1948 में वीर अर्जुन हिंदी साप्ताहिक का संपादन किया। वह जम्मू-कश्मीर प्रजा परिषद् के संस्थापक सचिव भी थे।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मधोक के निधन पर दुख जताया है और कहा कि उनकी वैचारिक प्रतिबद्धता मजबूत थी, विचारों में सुस्पष्टता थी और उन्होंने नि:स्वार्थ भाव से खुद को राष्ट्र और समाज को समर्पित कर दिया था। मोदी ने ट्वीट किया, उनका निधन दुखद है। उनके परिवार के प्रति संवेदना। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। मधोक के निकट सहयोगी रहे लालकृष्ण आडवाणी ने भी उन्हें विचारों और सिद्धांतों के प्रति पूरी तरह प्रतिबद्ध बताया। अपने शोक संदेश में उन्होंने कहा, बलराज मधोक के निधन पर मैं काफी दुखी हूं। मैं उनकी दोनों बेटियों से संवेदना जताता हूं। भगवान उनकी आत्मा को शांति दे। आडवाणी ने कहा कि मधोक ने 1967 के आम चुनावों में पार्टी का नेतृत्व किया जब पार्टी ने लोकसभा में 35 सीट जीती थी। उन्होंने कहा, आपातकाल के समय उन्हें 18 महीने के लिए मीसा के तहत गिरफ्तार किया गया था। केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री हर्षवर्द्धन ने ट्वीट किया, बलराज मधोक आज स्वर्ग सिधार गए। भारत ने एक महान बुद्धिजीवी, विचारक और समाज सुधारक को खो दिया। उनकी आत्मा को शांति मिले।