Advertisement

चिपको आंदोलन के 45 साल पूरे होने पर गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

चिपको आंदोलन के 45 साल पूरे होने पर गूगल ने इसे याद करते हुए डूडल बनाया है। डूडल में एक पेड़ के चारों तरफ...
चिपको आंदोलन के 45 साल पूरे होने पर  गूगल ने डूडल बनाकर किया याद

चिपको आंदोलन के 45 साल पूरे होने पर गूगल ने इसे याद करते हुए डूडल बनाया है। डूडल में एक पेड़ के चारों तरफ महिलाओं को एक-दूसरे का हाथ पकड़कर घेरा बनाए हुए दिखाया गया है।

उत्तराखंड के चमोली जिले में पेड़ों को बचाने के लिए हुए चिपको आंदोलन को पर्यावरण संरक्षण की दिशा में बड़ा आंदोलन माना जाता है। चमोली में चिपको आंदोलन की शुरुआत 1970 के दशक में एक अहिंसक आंदोलन के तौर पर हुई थी।

‘चिपको’ नाम के मुताबिक लोग पेड़ों को काटने से बचाने के लिए पेड़ों से चिपक या लिपट जाते थे। ठेकेदारों को पेड़ों को काटने से बचाने के लिए यह आंदोलन गांधी जी की अहिंसा की नीति पर आधारित था। चिपको आंदोलन की प्रणेता गौरा देवी थीं और उन्हें 'चिपको विमन' के नाम से भी जाना जाता है। 1973 में वन विभाग के ठेकेदारों ने जंगलों के पेड़ों की कटाई शुरू कर दी थी और तभी चिपको आंदोलन पैदा हुआ। इसके बाद राज्य के सभी पहाड़ी जिलों में यह आंदोलन फैल गया। चिपको आंदोलन में पर्यावरणविद् चंडी प्रसाद भट्ट और उनकी संस्था दशोली ग्राम स्वराज्य संघ की भी अहम भूमिका रही।

अब आप हिंदी आउटलुक अपने मोबाइल पर भी पढ़ सकते हैं। डाउनलोड करें आउटलुक हिंदी एप गूगल प्ले स्टोर या एपल स्टोर से
Advertisement
Advertisement
Advertisement
  Close Ad